प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से पारंपरिक कौशल वाले लोगों ‘विश्वकर्मा योजना’ (Vishwakarma Yojana) शुरू करने की घोषणा की. इस योजना की शुरुआत सितंबर महीने में 13,000-15,000 करोड़ रुपये के खर्च के साथ होगी.

पीएम मोदी ने कहा कि आने वाले समय में विश्वकर्मा जयंती पर हम 13-15 हजार करोड़ रुपये से नई ताकत देने के लिए हम आने वाले महीने में ‘विश्वकर्मा योजना’ की शुरुआत करेंगे. पीएम ने कहा कि सरकार इस योजना के जरिए पारंपरिक कौशल वाले लोगों को मदद पहुंचाएगी. इसमें सुनार, लोहार, नाई और चर्मकार जैसे पारंपरिक कौशल वाले लोगों को शामिल किया जाएगा और उन तक सहायता पहुंचाई जाएगी.

बजट 2023 में ‘विश्वकर्मा योजना’ की घोषणा की गई थी. जिसका मकसद कारीगरों और शिल्पकारों के उत्पादों और सेवाओं की क्वॉलिटी, पैमाने और पहुंच में सुधार करना और उन्हें घरेलू और ग्लोबल मूल्य श्रृंखला के साथ एकीकृत करना है. जिसकी वजह से ऐसे श्रमिकों, खासकरके से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़े समुदायों, महिलाओं, ट्रांसजेंडर और समाज के अन्य कमजोर वर्गों से संबंधित लोगों का इकोनॉमिक इंपॉवरमेंट होगा. योजना की शुरुआत विश्वकर्मा जयंती से होगी. बता दें कि विश्वकर्मा जयंती 17 सितंबर 2023 को है.

जानिए क्या है विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना?

विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना में केवल आर्थिक मदद दी जाएगी. इस योजना के जरिए प्रशिक्षण, आधुनक तकनीक के बारे में जानकारी, ब्रांड का प्रमोशन, स्थानीय और ग्लोबल मार्केट्स से जुड़ाव, डिजिटल पेमेंट्स और सोशल सेक्योरिटी की बात शामिल है. सरकार देश के हर कोने में एक विश्वकर्मा संस्थागत समर्थन मुहैया कराना है. इससे लोन लेने में आसानी होगी, कौशल और टेक्निक के क्षेत्र में मदद, डिडिटल इंपॉवरमेंट, कच्चा माल और मार्केटिंग शामिल है.

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