नई दिल्ली . पिछले दो दिनों में मूसलाधार बारिश के बाद दिल्ली में यमुना का जलस्तर 204.50 मीटर हो गया है. इसके साथ ही यह चेतावनी निशान को पार कर गया.
केंद्रीय जल आयोग की वेबसाइट के अनुसार, पुराने रेलवे ब्रिज पर जल स्तर सोमवार दोपहर 3 बजे 203.48 मीटर था जो कि मंगलवार शाम 6 बजे बढ़कर 204.94 मीटर हो गया. हरियाणा के यमुनानगर जिले में हथिनीकुंड बैराज पर प्रवाह दर 30,153 क्यूसेक था जिसे मानसून के दौरान मध्यम स्तर का माना जाता है.
दिल्ली सरकार के सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि नदी के किनारे कुछ स्थानों पर बाढ़ आ सकती है लेकिन गंभीर स्थिति की संभावना नहीं है. बता दें कि हिमाचल प्रदेश में रविवार से हो रही बारिश के कारण कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई है. पिछले दो दिनों में मूसलाधार बारिश ने उत्तराखंड को भी तबाह कर दिया, इमारतें नष्ट हो गईं और भूस्खलन हुआ जिससे बद्रीनाथ, केदारनाथ और गंगोत्री मंदिरों तक जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग टूट गए.
उत्तराखंड में भी गंगा खतरे के निशान से ऊपर
बारिश के कारण ज्यादातर नदियां उफान पर हैं. टिहरी, हरिद्वार और ऋषिकेश में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. उत्तराखंड के देहरादून में आपदा नियंत्रण कक्ष ने कहा कि अलकनंदा और मंदाकिनी रुद्रप्रयाग, श्रीनगर और देवप्रयाग में खतरे के स्तर से ऊपर बह रही हैं. जुलाई के मध्य में, राष्ट्रीय राजधानी और यमुना नदी के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में भारी वर्षा के कारण दिल्ली को अभूतपूर्व बाढ़ का सामना करना पड़ा.
13 जुलाई को यमुना रिकॉर्ड 208.66 मीटर तक बढ़ गई, जिसने अपना पिछला रिकॉर्ड तोड़ दिया और चार दशकों से भी अधिक समय में शहर में अधिक गहराई तक प्रवेश कर गई. बाढ़ के दौरान 27,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया, जिससे संपत्ति, कारोबार और कमाई का करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ. 10 जुलाई से लगातार आठ दिनों तक नदी खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर बही.