नई दिल्ली। अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) को दुनिया के प्रमुख रक्षा अनुसंधान केंद्र के तौर पर पहचान दिलाने वाले पूर्व महानिदेशक वीएस अरुणाचलम का बुधवार को अमेरिका में निधन हो गया. 87 वर्ष अरुणाचलम के निधन की सूचना उनके परिवार ने एक बयान जारी कर दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीएस अरुणाचलम के निधन पर शोक जताया है.

वीएस अरुणाचलम ने डीआरडीओ के अलावा भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी), राष्ट्रीय एयरोनाटिकल प्रयोगशाला और रक्षा मैटलर्जिकल अनुसंधान प्रयोगशाला तक में सेवाएं दी थीं. अरुणाचलम वर्ष 1982-92 तक रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार रहे थे. इंजीनियरिंग विज्ञान और प्रौद्योगिकी में अरुणाचलम के योगदान के लिए उन्हें 1980 में शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार, 1985 में पद्म भूषण और 1990 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था. 2015 में उन्हें डीआरडीओ के लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

एक बड़ा खालीपन छोड़ गए अरुणाचलम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा कि डॉ. वीएस अरुणाचलम का निधन वैज्ञानिक समुदाय और रणनीतिक दुनिया में एक बड़ा खालीपन छोड़ गया है. उनके ज्ञान, अनुसंधान के प्रति जुनून और भारत की सुरक्षा क्षमताओं को मजबूत करने में उनके समृद्ध योगदान के लिए उनकी बहुत प्रशंसा की गई. उनके परिवार और शुभचिंतकों के प्रति संवेदना. ओम शांति.