हिंदू धर्म में मंत्र जाप का बहुत महत्व माना गया है. युगों पहले भी हमारे ऋषि-मुनि सदैव मंत्र जाप करते थे. आज के समय में भले ही आधुनिकता में किसी के पास इतना समय न हो कि वह मंत्र जाप आदि के लिए समय निकाल सकें लेकिन आज भी मंत्रों की शक्ति उतना ही महत्व रखती है. हमारे ग्रंथों में कुछ ऐसे मंत्रों के बारे में जानकारी दी गई है, जिनका यदि नियमिततौर पर जाप किया जाए तो गंभीर रोगों से भी राहत पाई जा सकती है लेकिन इसके साथ ही अपनी दवाई आदि भी समय पर लेते रहना आवश्यक है.

यदि किसी को हृदय रोग की समस्या है तो ऋगवेद में बताए गए इस मंत्र का जाप कर सकते हैं लेकिन ऐसा नहीं है कि केवल मंत्र जाप किया जाए इसके साथ अपनी सेहत का पूरा ध्यान रखें और दवाइयां भी लेते रहें. नियमित रूप से इस मंत्र का जाप बहुत लाभप्रद रहता है.
क्क घन्नघ मित्रामहः आरोहन्नुत्तरां दिवम्.
हृद्रोग मम् सूर्य हरि मांण् च नाश्यं’ का जप करें.
इस मंत्र का जाप सुबह जल्दी उठकर स्नानादि करने के पश्चात सूर्य के समक्ष करें.

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार यदि कोई जातक गंभीर बीमारी से जूझ रहा हो तो उसके लिए गायत्री मंत्र का जाप करना बहुत फायदेमंद रहता है. खासतौर पर गायत्री मंत्र का जाप मानसिक शांति पहुंचाता है. गायत्री मंत्र को श्रेष्ठ माना गया है.
ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि. धियो यो न: प्रचोदयात्.

रोग से मुक्ति के लिए प्रतिदिन गायत्री मंत्र का कम से कम पांच माला जाप करना चाहिए और अधिक से अधिक आठ माला जाप किया जा सकता है. मान्यता है कि इस मंत्र का जाप यदि नियम और निष्ठा के साथ किया जाए तो यह गंभीर रोगों से भी राहत दिला सकता है.

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