कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में नर्मदा नदी से 300 मीटर की दूरी पर निर्माण कार्य को लेकर सुनवाई हुई। जिसमें राज्य सरकार ने हाईकोर्ट से मामले में जवाब पेश करने के लिए वक्त मांगा है। मामले को लेकर 12 सितंबर को अगली सुनवाई होगी। शासन ने कहा कि नर्मदा नदी से निर्माण कार्य की दूरी तय करने के लिए कमेटी गठित की जाएगी। नर्मदा नदी से 300 मीटर पर निर्माण कार्य पर रोक है। हाईकोर्ट में जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ और जस्टिस विशाल मिश्रा की बेंच में सुनवाई होगी।
नर्मदा मिशन की ओर से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। भाजपा के पूर्व मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे द्वारा डिंडोरी में नर्मदा नदी किनारे बहुमंजिली इमारत को भी चुनौती दी गई है। सिर्फ जबलपुर में ही नर्मदा नदी के किनारे कई अतिक्रमण और निर्माण कार्य है। वहीं आदेश के बाद भी नर्मदा नदी के किनारे निर्माण कार्य और अतिक्रमण नहीं रुक रहा है। हाई कोर्ट के पूर्व निर्देश के पालन में राज्य शासन की ओर से कहा गया कि, नर्मदा से 300 मीटर के दायरे में हुए अवैध निर्माणों की दूरी नापने के लिए एक एक्सपर्ट कमेटी गठित की जाएगी।
कमेटी नर्मदा के किस जल स्तर से 300 मीटर की दूरी निर्धारित की जाए इससे अवगत कराएगी। वहीं राज्य शासन ने इसके लिए कुछ मोहलत मांगी है। चीफ जस्टिस रवि विजय मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने मांग मंजूर करते हुए अगली सुनवाई 12 सितंबर को तय की है।
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