Motihari News: मोतिहारी में साइबर ठगी के एक बड़े रैकेट का पुलिस ने पर्दाफाश किया है. पुलिस अधीक्षक (SP) स्वर्ण प्रभात के निर्देशन में साइबर सेल ने मोतिहारी के चांदमारी लालबंगला इलाके में एक स्कूल से इस संगठित गिरोह का खुलासा किया, जो स्कूल की आड़ में लोगों को डिजिटल अरेस्ट के जरिए लाखों रुपये की ठगी कर रहा था.
पांच ठग गिरफ्तार, भारी मात्रा में सामान बरामद
पुलिस ने छापेमारी के दौरान गिरोह के पांच सदस्यों को धर दबोचा. इनमें से एक बेतिया का रहने वाला है, जबकि बाकी चार मोतिहारी के निवासी हैं. मौके से पुलिस ने 29.29 लाख रुपये नकद, 99,500 नेपाली रुपये, 24 मोबाइल फोन, तीन नोट गिनने की मशीनें, दो देसी पिस्तौल, 13 जिंदा कारतूस और दो लग्जरी कारें जब्त कीं. खास बात यह कि सभी गाड़ियों की नंबर प्लेट पर “8055 (BOSS)” लिखा था, जिसे ये अपराधी अपनी शान का प्रतीक मानते थे.
क्रिप्टोकरेंसी और डार्क वेब का खेल
यह गिरोह स्थानीय युवाओं को कमीशन का लालच देकर उनके नाम पर बैंक खाते खुलवाता था. ठगी की रकम इन्हीं खातों में मंगवाई जाती थी, जिसे बाद में क्रिप्टोकरेंसी (USDT) में निवेश कर दिया जाता था. पुलिस को इस गिरोह के डार्क वेब से जुड़े होने के भी पुख्ता सबूत मिले हैं, जिसके जरिए ये करोड़ों रुपये का लेन-देन कर रहे थे.
रंग लाई महीनों की मेहनत
एसपी स्वर्ण प्रभात ने बताया कि, पुलिस कई महीनों से इस गिरोह पर नजर रख रही थी. तीन दिनों तक जिले के अलग-अलग ठिकानों पर लगातार छापेमारी के बाद इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया. जांच में पता चला कि गिरोह के सदस्यों ने ठगी के पैसों से भारी संपत्ति बनाई है, जिसमें कई मंजिला मकान भी शामिल हैं. इनकी संपत्तियों की जांच जारी है.
पुलिस का दावा है कि यह मोतिहारी में अब तक का सबसे बड़ा साइबर अपराध नेटवर्क है. इस खुलासे से साइबर ठगी के खिलाफ जंग में बड़ी कामयाबी मिली है.
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