रायपुर. विधानसभा चुनाव के ऐन वक्त पर कांग्रेस का बड़ा झटका लगा. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष और तीन बार के विधायक घनाराम साहू ने इस्तीफा दे दिया है. घनाराम साहू ने पीसीसी चीफ भूपेश बघेल और दुर्ग सांसद ताम्रध्वज साहू पर उपेक्षा का आरोप लगाया है. उन्होंने अपना इस्तीफ प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल को दिया है. माना जाता है कि घनाराम का दुर्ग जिले में अच्छी पकड़ है. यहीं से वे तीन पर विधायक चुने गए हैं. उन्होंने 1972 में निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीते. इसके बाद कांग्रेस ज्वाइन किया था. कांग्रेस पार्टी से दो बार विधायक रहे. घनाराम साहू की भाजपा में जाने की अटकलें लगाई जा रही है.

भूपेश बघेल पर प्रताड़ना का आरोप-

घनाराम साहू ने आरोप लगाया कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अनुशंसा से मुझे छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी में पीसीसी सदस्य एवं उपाध्यक्ष प्रदेश कांग्रेस कमेटी रायपुर का पद दिया था. लेकिन नियुक्ति के बाद से अभी तक मुझे प्रदेश के अंदर अथवा बाहर कांग्रेसी कार्यक्रमों में भागीदार नहीं बनाया गया. प्रदेश अध्यक्ष मुझे व्यक्तिगत रंजिश से मानसिक तौर पर प्रताड़ित करते रहे हैं. मैं एक निष्ठावान प्रदेश का कार्यकर्ता हूं. लंबे समय से मैं सहता आ रहा हूं, लेकिन एक सीमा होती है. पूर्वाग्रह से ग्रसित प्रदेश अध्यक्ष ने मुझे जानबूझकर कांग्रेस से बाहर करना चाहते थे. इसलिए मैं प्रदेश अध्यक्ष एवं दुर्ग के सांसद के रवैये से तंग आकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष पद से लेकर कांग्रेस के प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं.

तीन बार विधायक और दो बार जिला कांग्रेस कमेटी का रहा अध्यक्ष-

घनाराम साहू 1972 में निर्दलीय विधायक रहा. 1970 में कांग्रेस की सदस्या दिलाया गया और कांग्रेस से विधानसभा चुनाव लड़ा और 11 हजार वोटों से जीता. 1998 में कांग्रेस के उम्मीदवार बनाया और 9 हजार वोटों से जीता. दो बार जिला कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष रहा. जिसमें बालोद, बेमेतरा, नवागढ़, दुर्ग. भिलाई, पाटन शामिल था.

पूर्व महिला विधायक का टिकट काटना अोच्छी मानसिकता-

सांसद ताम्रध्वज साहू ऊंचे पद में रहते हुए महिला पूर्व विधायक का बी-फार्म टिकट काटकर स्वयं विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं, जो महिलाओं के प्रति ओछी मानसिकता को दर्शाता है.