रायपुर – वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण का प्रसार अब धीरे धीरे कम हो रहा है। साथ ही इससे ठीक होने वाले लोगों की संख्या में भी लगातार वृद्धि हो रही है,लेकिन इन सबके बीच कोरोना से ठीक हो चुके व्यक्तियों के साथ समाज में भेदभाव और तिरस्कार भी किया जा रहा है जिसको दूर करने की जरुरत है । इसे देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने एक विशेष निर्देशिका जारी की है इसके अनुसार युवाओं को सामाजिक भेदभाव तिरस्कार के खिलाफ खड़ा किया जाएगा। स्वास्थ्य सेवाओं के संदर्भ में तिरस्कार का मतलब होता है किसी बीमारी के कारण उस व्यक्ति को किसी व्यक्ति या समुदाय द्वारा आपको नकारात्मक तरीके से देखना ।

एडवोकेसी के माध्यम से सोच में आएगा बदलाव:

एडवोकेसी का मतलब है किसी मुद्दे को पहचानना और बदलाव की ओर काम करना। निर्देशिका में बताया गया है कि एडवोकेसी के जरिए  समाज के कमजोर वर्ग की आवाज उठाने में मदद करते हैं क्योंकि जिन विचारों और परंपराओं में हम बदलाव लाना चाहते हैं, उनका असर इन्हीं वर्गों पर सबसे ज्यादा होता है।

बदलाव कई स्तर पर हो सकते हैं:

  • व्यक्तिगत स्तर पर
  • स्थानीय स्तर पर जैसे स्थानीय सरकार, पुलिस धार्मिक नेताओं और आपका स्कूल
  • राष्ट्रीय स्तर पर

भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाकर बने यूथ चैंपियन:

कोविड-19 से संबंधित सही जानकारी पाने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, विश्व स्वास्थ संगठन एवं यूनिसेफ के दस्तावेजों को ही फॉलो करें। निर्देशिका में बताया गया है कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट या टि्वटर हैंडल से सोशल मीडिया संदेशों और ग्राफिक्स को अपने फेसबुक, व्हाट्सएप, स्नैपचैट इंस्टाग्राम या किसी दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर साझा करें। ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आप के सभी दोस्तों के पास सही व विश्वसनीय जानकारी है। उचित दूरी बनाकर रखते हुए कोरोना वारियर्स के साथ खींची गई अपनी सेल्फी को सोशल मीडिया पर साझा करें।

हमारा बिंगो गेम खेलें:

कोविड-19 युवा चैंपियन बिंगो नाम का गेम खेल सकते हैं और अपने दोस्तों और साथियों को खेलने के लिए आमंत्रित कर सकते हैं। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर लाइव होकर, लोगों के साथ मिलकर तिरस्कार और भेदभाव का सामना करने से जुड़ी जानकारी को शेयर कर सकते हैं।

मिथकों को उजागर करने वाली पोस्ट शेयर करें:

जारी निर्देशिका में बताया गया है कि कोविड-19 से संबंधित सही जानकारी देने वाली और मिथकों को उजागर करने वाली पोस्ट साझा करें। भ्रामक जानकारी न फैलाएं। इससे समाज में तिरस्कार और भेदभाव को रोकने में सहायता होगी। इस तरह के पोस्ट का प्रिंट लेकर आप उन्हें अपने आसपास चिपका सकते हैं।

सोशल मीडिया में अपने कौशल को साथियों के साथ बांटे:

अपनी बात कहने के लिए कोई लेख या चित्रकला या कविताओं के माध्यम से खुद को व्यक्त करें। इनके जरिए दूसरों तक यह बात पहुंचाएं कि कोविड-19 से जुड़े भेदभाव का मुकाबला करना हमारे लिए क्यों जरूरी है और इस महामारी के दौर में हमें भेदभाव को रोकना चाहिए।

कोरोना योद्धाओं का इंटरव्यू करें:

समय निकालकर अपने आसपास में मौजूद कोरोना योद्धाओं और आवश्यक कर्मचारियों जैसे नर्स, डॉक्टर, आशा दीदी, सब्जी व दूध बेचने वाले और कचरा उठाने वाले सफाई कर्मी हो, बस चालको, समान की डिलीवरी करने वालों से बात करें उनका साक्षात्कार करें और उनसे जाने की कौन सी बात उन्हें प्रेरित करती है और समाज से उन्हें किस तरह का सहयोग चाहिए।

अपने समुदाय की जरूरतों को पूरा करने की दिशा में करें काम:

इस समय समुदाय के लोग कैसा महसूस कर रहे हैं उन की क्या जरूरत है और अपेक्षाएं हैं| इसके लिए  समुदाय के व्हाट्सएप ग्रुप फेसबुक पेज संदेश वोडाफोन कॉल के जरिए लोगों से परामर्श कर उनकी चिंताओं और जरूरतों की सूची तैयार कर सकते हैं आप अपने सारे कार्यों का विवरण इन समुदायिक ग्रुप पर शेयर कर सकते हैं और अपने समाज को #TogetherAgainstCovid19 का सामना करने के लिए तैयार कर सकते हैं।

गलत जानकारी फैलाने वालों को रोके:

निर्देशिका में यह बताया गया है  यदि कोई व्यक्ति या आपका दोस्त गलत जानकारी फैला रहा है तो उसको सही तथ्यों को बताएं। याद रखें आपका उद्देश्य उन्हें नीचा दिखाना नहीं बल्कि उनकी सोच को बदलना है। उन्हें बताएं कि जो उन्होंने शेयर किया है उसका स्रोत विश्वसनीय नहीं है। उन्हें किसी विश्वसनीय स्रोत के बारे में जानकारी दें। जहां से वह सही जानकारी प्राप्त कर सकें।

अगर कोई भेदभाव को बढ़ावा दे रहा है तो क्या करें:

विशेष निर्देशिका में यह बताया गया है  अगर कोई भेदभाव को बढ़ावा दे रहा है तो उन्हें यह बताएं कि वायरस किसी को भी प्रभावित कर सकता है और इसका किसी खास समूह के लोगों से कोई लेना देना नहीं है। उन्हें बताएं कि किसी एक समूह या वर्ग को अलग कर या उन्हें वायरस के लिए जिम्मेदार ठहराने के गंभीर नतीजे हो सकते हैं। जिससे बीमारी और बढ़ सकती है। इस समय एक दूसरे का साथ देना और सभी का सहयोग करना एक दूसरे के प्रति दया और करुणा का भाव जरूरी है।