अजयारविंद नामदेव, शहडोल। जनपद पंचायत बुढ़ार अंतर्गत कुड़ेली गांव में जल संसाधन विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। करोड़ों रुपये की लागत से बनी 3 किलोमीटर लंबी नहर मात्र 6 माह में ही टूटकर बह गई। नहर टूटने से न सिर्फ करोड़ों की लागत पानी में बह गई बल्कि आसपास के कई गांवों की फसल भी बर्बाद हो गई है।
खेती के लिए पानी का मुख्य साधन
ग्रामीणों का कहना है कि करीब एक करोड़ रुपये की लागत से बनी यह नहर खेती के लिए पानी का मुख्य साधन थी, लेकिन घटिया व गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य के चलते यह कुछ ही महीनों में टूट गई। हालात यह हैं कि किसानों को खेतों की सिंचाई के लिए नहर से पानी नहीं मिल पा रहा, जिससे उनकी मेहनत और उम्मीदें दोनों ही डूब गईं।
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निर्माण कार्य में लापरवाही और भ्रष्टाचार
ग्रामीणों का आरोप है कि निर्माण कार्य में जमकर लापरवाही और भ्रष्टाचार हुआ है। ग्रामीणों ने जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदारों पर घटिया सामग्री इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि यदि निर्माण कार्य पारदर्शिता और मजबूती से होता तो करोड़ों की लागत से बनी नहर इतनी जल्दी न बहती।
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मामले की उच्च स्तरीय जांच और दोषियों पर कार्रवाई हो
मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जल संसाधन विभाग और जिम्मेदार अधिकारियों ने अब तक चुप्पी साध रखी है। नहर टूटने से किसानों को हुए नुकसान का आकलन भी नहीं किया गया और न ही कोई कार्रवाई की गई है। ग्रामीणों ने मांग की है कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो, ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही से किसानों की मेहनत और सरकारी खजाने का नुकसान न हो।

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