रायपुर। दुर्ग जिले के किसान दुर्गेश द्वारा आत्महत्या किये जाने के मामले में छत्तीसगढ़ किसान महासंघ ने कृषि दवा कंपनी के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किये जाने की मांग की है। महासंघ ने कहा कि यह सिर्फ आत्महत्या नहीं है बल्कि दुर्गेश द्वारा प्रयोग में लायी गई सबंधित कृषि दवा कम्पनी द्वारा उसे आत्महत्या के लिये प्रेरित करने का प्रयास है। इसलिए उक्त कम्पनी के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज होना चाहिये ।
महासंघ के संयोजक मंडल सदस्य पारस नाथ साहू, रूपन चंद्राकर, तेजराम विद्रोही, जागेश्वर जुगनू चंद्राकर एवम डॉ संकेत ठाकुर ने एक बयान जारी कर कहा है कि आखिरकर सरकार कब जागेगी ? मात्र ₹2500 प्रति क्विंटल में धान खरीदी पर्याप्त नहीं है । किसानों की समस्याओं पर सरकार का मौन रहना कतई उचित नहीं है । यह एक किसान की समस्या नहीं है छत्तीसगढ़ के अधिकांश किसान फसल में तरह-तरह के कीट-बीमारियों के प्रकोप होने पर निरंतर कीटनाशक छिड़काव कर रहे हैं । नकली दवाई व नकली बीज का कृषि बाजार में बोलबाला है । किसान इसका दुष्परिणाम तो झेल ही रहे हैं ।
अभी तत्काल में कई जगह तूफानी बारिश से पके हुए धान गिरकर पानी में डूब चुके हैं । संभावना है कि आने वाले दिनों में भूरा माहू एवं ब्लास्ट से व्यापक क्षति हो जाये । मैदानी स्तर में कोई जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी नहीं दिखता जो किसान को खेतों में जाकर अवलोकन करें । राज्य सरकार से आग्रह है कि पीड़ित किसान दुर्गेश निषाद के परिवार पर्याप्त मुआवजा दें ।
आत्महत्या की घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सरकार हर संभव प्रयास करें अन्यथा किसान उग्र प्रदर्शन के लिए बाध्य होंगे । नकली दवाई एवं नकली बीज नकली दवाई प्रतिबंधित करें एवं छापा मारकर ऐसी कम्पनियों और दुकानदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए आपराधिक प्रकरण दर्ज करे । अभी भी समय रहते शासन के अधिकारी-कर्मचारी बीमारी एवं प्राकृतिक आपदा से प्रभावित फसलों का तत्काल निरीक्षण करें ।