दिल्ली-NCR के फरीदाबाद में एक व्यक्ति ने पत्नी के साथ विवाद के बाद अपने चार नाबालिग बच्चों के साथ मिलकर आत्महत्या (suicide) का कदम उठाया. यह घटना तब हुई जब पिता ने अपने बच्चों को लेकर ट्रेन के सामने कूदने का निर्णय लिया, जिससे सभी की जान चली गई. ट्रेन के लोको पायलट ने बताया कि जब ट्रेन ट्रैक के पास पहुंची, तब व्यक्ति अचानक ट्रैक पर कूद गया, जिसके परिणामस्वरूप चारों बच्चों और उनके पिता की मौत हो गई.

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पुलिस ने इस घटना की जानकारी देते हुए बताया कि बिहार के निवासी मनोज महतो (45) और उनकी पत्नी प्रिया के बीच किसी मुद्दे को लेकर विवाद चल रहा था. मंगलवार की सुबह दोनों के बीच तीखी बहस हुई, जिसके बाद महतो ने कहा कि वह बच्चों को पार्क ले जा रहा है और घर से बाहर निकल गया. पुलिस ने बताया कि महतो को रेलवे ट्रैक पर चलते हुए देखा गया, जो स्टेशन से लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर था. इस दौरान वह दो बच्चों को अपने कंधे पर उठाए हुए था और दो अन्य बच्चों का हाथ पकड़े हुए था.

इस घटना के बारे में जानकारी देते हुए ट्रेन के लोको पायलट ने बताया कि उसने कई बार हॉर्न बजाया, लेकिन महतो ट्रैक से नहीं हटा. जब ट्रेन उसके करीब पहुंची, तो वह अपने चार बच्चों के साथ ट्रेन के सामने कूद गया. यह दुखद घटना अपराह्न लगभग 12:55 बजे हुई. घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची और शवों को ट्रैक से हटाकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.

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घटना की सूचना मिलने के बाद स्थानीय पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची. जांच के दौरान यह सामने आया कि मृतक का अपनी पत्नी के साथ विवाद चल रहा था. मंगलवार को एक मामूली झगड़े के बाद वह बच्चों को पार्क ले जाने के बहाने रेलवे ट्रैक पर पहुंच गया. स्टेशन से कुछ दूरी पर ट्रैक पर चलते समय जब ट्रेन आई, तो उसने अपने चारों बच्चों के साथ ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली, जिससे सभी की दर्दनाक मौत हो गई.

50 मीटर की दूरी पर बिखरे पड़े थे शव

ट्रेन के लोको पायलट ने घटना की जानकारी रेल अधिकारियों को दी. सूचना मिलते ही जीआरपी के डीएसपी राजेश चेची, आरपीएफ इंस्पेक्टर श्रवण कुमार और जीआरपी थाना प्रभारी राजपाल सहित अन्य जीआरपी और आरपीएफ कर्मी घटनास्थल पर पहुंचे. पुलिसकर्मियों ने स्थानीय निवासियों की सहायता से घटनास्थल के आसपास बिखरे हुए पांच शवों को एकत्र किया और एम्बुलेंस के माध्यम से उन्हें बीके अस्पताल की मोर्चरी में भेजा. अधिकारियों ने बताया कि ये शव घटनास्थल से लगभग 50 मीटर की दूरी पर फैले हुए थे.

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जेब में मिले मोबाइल नंबर से हुई पहचान

जीआरपी थाना प्रभारी राजपाल ने जानकारी दी कि मृतक की जेब से उसका आधार कार्ड और एक पर्ची मिली, जिसमें मोबाइल नंबर लिखा था. जब इस नंबर पर कॉल किया गया, तो उनकी पत्नी प्रीती ने फोन उठाया. सूचना मिलने पर प्रीती मौके पर पहुंची, जहां उसने अपने पति और बच्चों के शव देखकर बेहोश हो गई. थाना प्रभारी ने बताया कि मनोज महतो ने अपने 10 साल के बेटे पवन, 9 साल की कारू, 5 साल के मुरली और 3 साल के छोटू के साथ आत्महत्या की. उन्होंने यह भी बताया कि मृतक बिहार के लखीसराय जिले के गांव तारतर, बहरिया बिहार का निवासी था.

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पार्क ले जाने की बात कह निकला था

मृतक की पत्नी प्रीति ने पुलिस को बताया कि उसका पति सुबह लगभग साढ़े 11 बजे अपने चार बच्चों के साथ पार्क जाने के लिए निकला था. उसे यह नहीं पता कि वह रेलवे ट्रैक पर कब और क्यों पहुंचा. प्रीति ने यह भी कहा कि वह कभी-कभार अपने मायके से बात करती थी, लेकिन उसके पति को इस पर शक था. जीआरपी के डीएसपी राजेश चेची ने बताया कि प्रारंभिक जांच में आत्महत्या का संभावित कारण पत्नी के अवैध संबंध का संदेह माना जा रहा है. मृतक के भाई, बहन और रिश्तेदारों को घटना की जानकारी दे दी गई है, और वे बिहार से फरीदाबाद के लिए रवाना हो गए हैं. परिजनों के आने के बाद ही शव का पोस्टमॉर्टम किया जाएगा.

बच्चों ने किया था बचने का प्रयास

मनोज ने घर से बाहर निकलने के बाद बच्चों को रास्ते में चिप्स और कुरकुरे खरीदकर दिए. इसके बाद, वह चारों बच्चों को रेलवे ट्रैक पर ले गया. जब ट्रेन का हॉर्न बजा, तो बच्चों ने उसके हाथ से छूटकर भागने की कोशिश की, लेकिन मनोज ने सभी का हाथ पकड़ा हुआ था, जिससे वे भाग नहीं पाए और उनकी मौत हो गई.