हरियाणा के रोहतक की महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) में महिला सफाई कर्मचारी और अधिकारियों के बीच जमकर हंगामा हो गया. इसके चलते महिलाओं ने अपने अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. महिला सफाई कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि वे पीरियड्स (महावारी) के चलते स्वास्थ्य खराब होने पर कुछ देर का ब्रेक लेना चाह रही थी.

इस बारे में अधिकारियों को बताया गया था, लेकिन एक सुपरवाइजर ने कथित तौर पर उनकी बात नहीं सुनी और उन्हें कपड़े उतरवाकर पीरियड (मासिक धर्म) की जांच करवाने को कहा गया. इस पर महिला कर्मचारियों का गुस्सा बढ़ गया और उन्होंने हंगामा कर दिया. वहीं अधिकारियों का दावा है कि महिला कर्मी ने उनके साथ धक्का-मुक्की की. यूनिवर्सिटी के मौके पर रजिस्टरार ने जाकर पूरे घटनाक्रम की जांच करने और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया गया. पीड़ित महिलाओं ने आपबीती आला अधिकारियों को सुनाई.

महिला ने लगाए गंभीर आरोप

आरोप है कि सुपरवाइजर ने महिला सुरक्षा कर्मी के माध्यम से महिला सफाईकर्मी के कपड़े उतारकर जांच कराने के लिए महिलाओं की निजता का उलंघन कर उनकी फोटो तक ली गई और ये सब जांच के नाम पर किया गया, और कहा गया कि ऊपर से असिस्टेंट रजिस्टरार का आदेश है.

मामला ज्यादा गर्म हुआ तो महिला कर्मी ने ऐसा करने से इनकार किया, तो उनके साथ जबरदस्ती करने का प्रयास किया गया. इसके बाद अन्य सफाईकर्मियों ने इस मामले को गंभीरता से लिया और हंगामा शुरू हो गया. छात्र संगठन भी महिला सफाईकर्मियों के समर्थन में सामने आए और आरोपियों के सस्पेंड किए जाने की मांग करने लगे. डायल 112 भी मौके पर पहुंची.

छात्र नेता ने की मामले की शिकायत

छात्र नेता दिनेश कांगड़ा , विक्रम डुमोलिया और प्रदीप मोटा ने मौके पर पहुंचकर मामले की सुनवाई के लिए मौके पर पहुंचे प्रो. भगत सिंह से भी मामले में शिकायत की. उन्होंने बताया कि सफाई सुपरवाइजर ने कौशल रोजगार निगम के तहत लगी अन्य सफाईकर्मियों को स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स में सफाई के लिए बुलाया था.

महिला कर्मियों का कहना है कि दो महिला कर्मियों को माहवारी के कारण असुविधा हो रही थी, जिसकी जानकारी सुपरवाइजर को दी गई थी. इसके बावजूद उनसे अनुचित कार्रवाई की गई. वहीं डा. भगत सिंह ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला. साथ ही आश्वासन दिया कि गलत बात करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. जांच में यदि कोई गलती मिलती है तो तुरंत नौकरी से बाहर कर दिया जाएगा.

मामले पर गैर शिक्षक कर्मचारी संघ के महासचिव

गैर शिक्षक कर्मचारी संघ के महासचिव अजमेर सिंह ने बताया कि एमडीयू के गैर शिक्षक कर्मचारी की इस मामले में कोई गलती नहीं है. कुछ लोग बेवजह विश्वविद्यालय को बदनाम कर रहे हैं. पूरे मामले की जांच कराई जाएगी.

मौके पर आए कुलसचिव के.के गुप्ता ने कहा कि यूनिवर्सिटी में महिलाओं के साथ जो भी गलत काम हुआ है. हम इस पूरे घटनाक्रम की जांच करेंगे. फिलहाल सुपरवाइजर को हटा दिया गया है और जो भी इस मामले में दोषी होगा, उसको बख्शा नही जाएगा. उन्होंने कहा कि, अगर जरूरत पड़ी तो आरोपी अधिकारियों के ऊपर एससी-एसटी के तहत मामला दर्ज भी करवाया जाएगा. भविष्य मे किसी भी महिला कर्मचारियों के साथ इस तरह की हरकत की गई तो किसी को बख्शा नही जाएगा.

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