शब्बीर अहमद, भोपाल। राजधानी भोपाल में मिसरोद पुलिस ने मोबाइल टावरों से कीमती बेस बैंड यूनिट चोरी करने वाले एक पढ़े-लिखे शातिर चोर गिरोह का खुलासा किया है। गिरोह का सरगना एक पूर्व टेलीकॉम इंजीनियर था, जिसने नौकरी छोड़कर अपराध की दुनिया में कदम रखा। पुलिस ने मुख्य सरगना समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से करीब 50 लाख रुपये का कीमती सामान जब्त किया है।

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आरोपियों की पहचान दतिया निवासी प्रदीप यादव (सरगना), शीलू त्यागी, विनीत त्यागी, राजकुमार शर्मा और आकाश अहिरवार के रूप में हुई है। प्रदीप यादव ने ही इस गिरोह का गठन किया और अन्य सदस्यों को शामिल किया। आरोपी भोपाल, रायसेन, विदिशा और राजगढ़ जिलों में लगे मोबाइल टावरों को निशाना बनाते थे। पुलिस जांच के अनुसार, आरोपी पहले टावरों की रेकी करते थे। जिन टावरों पर सुरक्षाकर्मी नहीं होते या कम सुरक्षा होती, उन्हें चुनते और रात के अंधेरे में चोरी की वारदात को अंजाम देते। 

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आरोपी टावर से बेस बैंड यूनिट चुराकर फरार हो जाते। चोरी का माल वे नईम नाम के एक युवक को बेच देते थे। बेस बैंड यूनिट मोबाइल नेटवर्क का महत्वपूर्ण हिस्सा होती है, जो आने-जाने वाले सिग्नल को प्रोसेस करती है। एक यूनिट की कीमत 5 से 10 लाख रुपये तक होती है। पुलिस ने आरोपियों से चोरी का सामान, वाहन और औजार बरामद किए हैं। 

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