अनमोल मिश्रा, सतना। बंगाल में माँ जगद्धात्री की पूजा की धूम है सतना में भी इस वर्ष बिरला हॉस्पिटल के कैंपस में डॉ. अल्बर्ट डॉन एवं ऋतु पर्णा द्वारा माँ जगद्धात्री की पूजा का कार्यक्रम आयोजित किया माँ जगद्धात्री का अर्थ है जगत को धारण करने वाली माँ जिनके पूजन से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता सुख, शांति, समृद्धि का आगमन होता है व्यक्ति के जीवन से नकारात्मक विचार एवं नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं बंगाल में इस पूजा को नवरात्रि में होने वाली पूजा की तरह से धूम धाम से मनाया जाता है।
बिरला हॉस्पिटल में बंगाली कम्युनिटी से ताल्लुक रखने वाले डॉ अल्बर्ट डॉन और उनकी पत्नी ऋतु पर्णा ने बताया की उनकी 5 पीढ़ियाँ निरंतर इस पूजा को करती आ रही हैं यह बंगाल की प्राचीन पारंपरिक पूजाओं में से एक है आज माँ का पूजन किया गया इससे व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन होते हैं कभी भी काली शक्तियां उनके जीवन या घर में प्रवेश नहीं करतीं, जीवन में सुख समृद्धि और शांति आती है विचारों में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
माँ जगद्धात्री पूजन का महत्व और इतिहास
बंगाल उड़ीसा सहित सटे क्षेत्रों में माँ जगद्धात्री की पूजा सैकड़ों वर्षों से निरंतर चली आ रही है। माँ जगद्धात्री का अर्थ जगत को धारण करने वाली माँ से है, जो देव,दानव, गन्धर्व, किन्नर समस्त प्राणियों में अपनी कृपा बनाये रखतीं हैं। माँ जगद्धात्री ने दानवों का वध किया, देवताओं के अहंकार से उन्हें मुक्ति दिलाई तभी से उनकी पूजा अहंकार का नाश कर सकारात्मक ऊर्जा के संचार के लिए विधि विधान से की जाती है।
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