रायपुर. चुनावी दौर में कांग्रेस पार्टी छत्तीसगढ़ मॉडल को अपने दूसरे शासित राज्यों में भी अपना सकती है. छत्तीसगढ़ में लागू कई जनहितैषी योजनाओं को पार्टी चुनावी राज्यों के घोषणा पत्र में शामिल कर सकती है. छत्तीसगढ़ सरकार ने सस्ती दवा, गोधन न्याय योजना, किसानों को राहत देने संबंधी कई योजनाएं शुरू की है, जिसकी राष्ट्रीय स्तर पर काफी सराहना हुई है. इसे देखते हुए कांग्रेस ने अन्य शासित राज्यों में भी इसे लागू करने का मन बना रही है.

दो दिवसीय चुनावी दौरे के बाद बुधवार को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाक़ात की. इस दौरान उन्होंने चुनावी दौरे से संबंधित फीडबैक से अवगत कराया. वहीं छत्तीसगढ़ की फ़्लैगशिप योजनाओं को लेकर चर्चा की.

बता दें कि प्रदेश सरकार ने ‘छत्तीसगढ़ मॉडल’ स्थापित कर जनसशक्तिकरण से आर्थिक विकास की है. ग्रामीण क्षेत्र में आर्थिक मजबूती के लिए नई दिशा में कामकाज किया. स्वरोजगार और आजीविका संबंधी गतिविधियों पर फोकस किया. यही कारण है कि मंदी के दौर में भी छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था टिकी रही.

किसानों की जेब में पैसे डालने का राहुल गांधी द्वारा किया गया वादा भी राजीव गांधी किसान न्याय योजना और गोधन न्याय योजना के जरिए पूरा किया गया. इन योजनाओं के माध्यम से किसानों के खाते में नगद हस्तांतरण से अर्थव्यवस्था को काफी मजबूती मिली है. किसान जैविक खेती की ओर लौटने लगे हैं. जैविक खेती से लागत हुई आधी, उत्पादन भी दो से तीन गुना तक बढ़ने लगा है.

वहीं आम लोगों को लगातार बढ़ती महंगाई के दौर में सस्ती दवाओं के माध्यम से राहत देने की योजना भूपेश सरकार ने लागू की है. छत्तीसगढ़ सरकार ने महंगी ब्रांडेड दवाओं की जगह सस्ती जेनेरिक दवाओं के लिए धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर योजना शुरू की है.

इस मेडिकल स्टोर में जेनेरिक दवाएं 50 से 70 फीसदी सस्ते दामों पर मिल रही है. इस योजना के तहत प्रदेश में अब तक 105 मेडिकल स्टोर्स खोले जा चुके हैं. इन दुकानों से अब तक 3.33 करोड़ की दावा बेची गई है. अब तक पांच लाख लोगों ने इस योजना का लाभ उठाया है. पार्टी का मानना है कि कोविड महामारी के बाद अब आम लोगों के बीच जागरुकता बढ़ी है और इस मोर्चे पर जो सरकार या राजनीतिक दल बेहतर पहल करेगी उसे अधिक सियासी लाभ हो सकता है.

साल 2020-21 में राज्य गठन के बाद सर्वाधिक 92 लाख मीट्रिक टन से अधिक की धान खरीदी का कीर्तिमान बना है. सर्वाधिक खाद्यान्न उत्पादन के लिए छत्तीसगढ़ को कृषि कर्मण पुरस्कार भी मिल चुका है. वनोपजों के समर्थन मूल्य में वृद्धि का फैसला भी आदिवासियों के लिए हितकारी रहा है.

वनोपज़ संग्रहण में छत्तीसगढ़ पिछले 3 वर्षों में लगातार पूरे देश में अव्वल है. वनोपज से आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा मिला है. वहीं राज्य को वनोपज संग्रहण और प्रसंस्करण में 11 राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिले हैं.

छत्तीसगढ़ में नई उद्योग नीति से राज्य में नया औद्योगिक और आर्थिक वातावरण बना है. तीन सालों में राज्य में 1564 नई औद्योगिक इकाइयां स्थापित हुई हैं. औद्योगिक क्षेत्र में 18 हजार 882 करोड़ रुपए की पूंजी निवेश से राज्य की तस्वीर बदली है.

बिजली बिल में रियायत देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शुरू की गई हाफ बिजली बिल योजना से निम्न और मध्यम वर्ग के लोगों को काफी राहत मिली है. 400 यूनिट तक बिजली की खपत पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी का लाभ 40 लाख उपभोक्ताओं तक पहुंचा है. इन योजनाओं के जरिए कांग्रेस अन्य राज्यों में भी मतदाताओं का भरोसा जीतने की कोशिश करेगी.

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