सुधीर साहू, रायपुर. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के युवा आर्टिस्ट अपनी प्रतिभा से देश-विदेश में छत्तीसगढ़ का परचम लहरा रहा है. 32 वर्षीय रंगोली आर्टिस्ट प्रमोद साहू 8 से 10 सितंबर तक अमेरिका में चलने वाले स्वदेशी मेले में भी रंगोली से छत्तीसगढ़ की संस्कृति को उकेरेंगे. आपको बता दें कि युवा आर्टिस्ट प्रमोद साहू 24 साल से रंगोली के जरिए अपनी प्रतिभा दिखा रहे हैं. अब तक उन्हें राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर कई पुरस्कार मिल चुके हैं.

डीट्राइबल्स फाउंडेशन संयुक्त राज्य अमेरिका में भारतीय हस्तशिल्प, हथकरघा, वन उपज और बाजरा की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करने वाले स्वदेशी मेले का आयोजन कर रहा. लल्लूराम डाॅट काम से बातचीत में प्रमोद साहू ने बताया कि वे अब तक एक हजार रंगोली बना चुके हैं. उन्होंने बताया दीवाली के समय उनकी बड़ी बहन वीणा साहू रंगोली बनाती थी, जिसे देखकर रंगोली बनाना सिखा है. वे रसिया में आयोजित विश्व युवा महोत्सव में भी अपनी प्रतिभा दिखा चुके हैं. यहां वे रंगोली से रामनामी समाज की संस्कृति को उकेरा था.

युवा आर्टिस्ट प्रमोद साहू ने रंगोली से बनाई है ये चित्र

राष्ट्रीय स्तर पर प्रमोद को मिले हैं ये पुरस्कार

  • 1. अखिल भारतीय प्लैटिनम कलाकार पुरस्कार 2018, मुंबई
  • 2. अखिल भारतीय स्वर्ण पदक रंगोली 2017
  • 3. अखिल भारतीय ब्राँज़ पदक रंगोली 2017
  • 4. डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम, राष्ट्र निर्माण पुरस्कार 2018
  • 5. अंतर विश्वविध्यालय पूर्व क्षेत्रीय युवा उत्सव स्वर्ण पदक रंगोली 2011

राष्ट्रीय स्तर पर रंगोली कला के प्रस्तुति

  • 1. 16वां राष्ट्रीय युवा महोत्सव 2011 उदयपुर, राजस्थान.
  • 2. 17वां राष्ट्रीय युवा महोत्सव 2012 मैगलोर, कर्नाटक.
  • 3. 18वां राष्ट्रीय युवा महोत्सव 2014 – लुधियाना, पंजाब.
  • 4. 19वां राष्ट्रीय युवा महोत्सव 2015 गुवाहाटी, असम
  • 5. 20वां राष्ट्रीय युवा महोत्सव 2016 – रायपुर, छत्तीसगढ़
  • 6. 22वां राष्ट्रीय युवा महोत्सव 2018 नॉएडा, उत्तरप्रदेश

राज्य स्तर पर मिले पुरस्कार

छत्तीसगढ़ राज्य विद्यालय और महाविद्यालय स्तरीय चित्रकला एवं रंगोली में 46 पुरस्कार मिल चुके हैं.

एक ही छत के नीचे दिखेगी भारतीय संस्कृति की झलक

डीट्राइबल्स फाउंडेशन ने बताया कि हमारा लक्ष्य संयुक्त राज्य अमेरिका में एक ही छत के नीचे भारतीय संस्कृति और संग्रह की विस्तृत श्रृंखला प्रस्तुत करना है. डी-ट्राइबल्स का मानना ​​है कि यह आयोजन हमारे क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने के साथ-साथ इन कारीगरों को अपना सामान बेचने के लिए एक मंच प्रदान करके स्थानीय अर्थव्यवस्था का समर्थन करने का एक शानदार अवसर होगा. मेले में कपड़ा, आभूषण, मिट्टी के बर्तन और लकड़ी की नक्काशी सहित हस्तनिर्मित वस्तुओं की एक विस्तृत श्रृंखला के साथ-साथ साड़ी, दुपट्टा और कपड़े जैसे हथकरघा उत्पाद भी शामिल होंगे.