सुशील खरे, रतलाम। रतलाम में आवारा कुत्तों का आतंक (Stray dogs terror in Ratlam) बरकरार है। कुत्तों के झुंड ने एक बार फिर से अपना आतंक मचाते हुए 4 साल के मासूम को काट लिया। इस दौरान 4 साल के मासूम ऋतिक को 10 से 15 कुत्तों के झुंड नोचते रहे। वहीं बच्चा चीखता रहा।  पिता कमलेश दायमा ने ये देखकर पड़ोसियों को आवाज दी इसके बाद लोगों ने कुत्तों को भगाकर मासूम की जान बचाई। हलांकि तबतक कुत्ते उसके जिस्म में कई जगह काट चुके थे। घायल अवस्था में मासूम को रतलाम जिला अस्पताल (Ratlam District Hospital)  में भर्ती काराय गया है, जहां बच्चे का इलाज चल रहा है। पूरा मामला शहर के पुलिस लाइन इलाके का है।

रतलाम में बच्चे पर कुत्तों द्वारा हमला करने की चार दिन में यह दूसरी बड़ी घटना है। 4 दिन पहले ही 4 साल की बालिका पर ग्रीन सिटी में अपने घर के बाहर खेल रही एक बच्ची पर कुत्ते ने हमला कर दिया था। हमले का वीडियो सीसीटीवी में कैद हो गई थी।

ग्रीन सिटी में बच्ची पर हमले का वायरल हुआ था वीडियो 

रतलाम की ग्रीन सिटी कॉलोनी में गुरुवार को बच्ची घर से बाहर निकल रही थी। तभी सड़क से दौड़ता हुआ कुत्ता आया और उस पर झपट गया। शुक्र था पास ही एक व्यक्ति बैठे हुए थे, जिन्होंने कुत्ते को भगाया। घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है। जो विडिओ अब सोशल मीडिया पर वायरल रही है।

जिले में 1700 से अधिक लोगों को कुत्ते बना चुके हैं निशाना 

इन दिनों रतलाम शहर की हर गली में सैकड़ों आवारा कुत्ते रहे हैं जो आयेदिन किसी न को अपना शिकार बना रहें है। वहीं 3 माह में 35 लाख की लागत से बनने वाला नगर निगम का स्वान केंद्र अब तक अधूरा है। अब तक जिले में 1700 से अधिक लोगों को कुत्ते ने अपना शिकार बनाया है। मगर एबीसी प्रोग्राम के तहत 20 अगस्त 2020 में स्वीकृत हुए 35.86 लाख की लागत वाले बधियाकरण केंद्र का आज तक निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है। वहीं सम्बंधित एजेंसी को निर्माण कार्य पूरा करने के लिए वर्कऑर्डर में 3 माह का समय दिया गया था और आज 14 माह पूरे हो चुके हैं।

कलेक्टर भी डॉग बाइट पर जता चुके हैं चिंता

गौरतलब है की कुछ दिनों पूर्व ही रतलाम कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम (Ratlam Collector Kumar Purushottam)  ने डॉग बाइट (dog bite) पर चिंता जताते हुए कुत्तों के बधियाकरण (नसबन्दी) करने और केंद्र को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए थे। मगर आधे अधूरी व्यवस्था वाले बधियाकरण केंद्र पर शहर से पकड़े गए आवारा कुत्तों  को 5 दिन रखकर बधियाकरण किये बगैर वहीं ट्रेचिंग ग्राउंड पर छोड़ दिया गया। पूरे मामले में अधिकारियों के निर्देशों की अनदेखी स्पष्ट नजर आ रही है तथा एबीसी प्रोग्राम पुनः खटाई में पड़ गया है।