रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में केंद्र से रासायनिक उर्वरकों की कम आपूर्ति को देखते हुए कृषि उत्पादन आयुक्त को केंद्र से समन्वय कर मांग के अनुरूप रासायनिक उर्वरकों की आपूर्ति के लिए पत्र लिखने को कहा है. उन्होंने अधिकारियों को मौसम की स्थिति पर नजर रखने और जहां खाद, बीज की कमी है, वहां खाद-बीज की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं.

मुख्यमंत्री ने आज मुख्यमंत्री निवास में आयोजित बैठक में प्रदेश में वर्षा की स्थिति, खाद-बीज की उपलब्धता, सिंचाई जलाशयों में जल भराव की स्थिति, खरीफ फसलों के क्षेत्राच्छादन, संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के उपायों की समीक्षा की. बैठक में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे भी उपस्थित थे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन के मामले में छत्तीसगढ़ अन्य राज्यों से काफी आगे है. रासायनिक उर्वरकों की कमी की पूर्ति काफी हद तक वर्मी कम्पोस्ट से की जा सकती है. आने वाले समय में वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन बढ़ाना होगा. उन्होंने रासायनिक उर्वरकों के ओव्हर रेट की शिकायतों के प्रकरणों में कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने बारिश के दौरान संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के उपायों की समीक्षा के दौरान आवश्यक दवाओं के पर्याप्त मात्रा में भंडारण, शहरों में साफ-सफाई, जल स्त्रोतों, हैंडपंपों की साफ-सफाई और क्लोरिनेशन कराने के निर्देश दिए.

मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि मनरेगा के तहत भू-जल संरक्षण और संवर्धन की संरचनाएं प्राथमिकता के साथ निर्मित की जाए. इससे भू-जल स्तर में सुधार होगा, सिंचाई के लिए जल की उपलब्धता बढ़ेगी और ईको सिस्टम के लिए भी लाभदायक होगा. उन्होंने कहा कि वन क्षेत्रों में पिछले दो-तीन वर्षों में कराए गए नरवा विकास के कार्यों के अच्छे परिणाम मिल रहे हैं. तमोरपिंगला और अचानकमार में हाथियों का दल काफी समय से एक स्थान पर है, क्योंकि वहां उन्हें पानी और चारा उपलब्ध हो रहा है.

सीएम ने कहा हाथी प्रभावित अन्य क्षेत्रों में भी नरवा विकास के कार्यों को तेजी से करने की आवश्यकता है, इससे हाथी मानव द्वंद्व कम होगा. गौठानों में चारागाह विकास की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि चारे का उत्पादन करने वाले समूहों को खुले बाजार में चारा बेचने की अनुमति दी जाए, इससे उनकी आमदनी बढ़ेगी तथा अतिरिक्त चारा का साइलेज बनाकर मवेशियों के लिए उपलब्ध कराया जाए.

किसानों से फसल बीमा कराने की अपील
मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान किसानों से अधिक से अधिक संख्या में फसल बीमा कराने की अपील की. बैठक में बताया गया कि खरीफ वर्ष 2021 में 13.77 लाख किसान द्वारा फसल बीमा हेतु 157.65 करोड़ रुपए का प्रीमियम दिया गया था, जिसे मिलाकर कुल 1199 करोड़ रुपए के प्रीमियम का भुगतान किया गया था, जिसके विरूद्ध 4 लाख 8 हजार किसानों को 758.43 करोड़ का बीमा दावा भुगतान किया गया. रबी 2021-22 में 2.32 लाख किसानों द्वारा 15.96 करोड़ रुपए का प्रीमियम दिया था, इसे मिलाकर कुल 153 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया, जिसके विरूद्ध एक लाख 58 हजार पात्र किसानों को 304.49 करोड़ रुपए का प्रीमियम दावा भुगतान किया गया.

केंद्र से मात्र 6.30 मीट्रिक टन रासायनिक उर्वरकों की आपूर्ति
बैठक में जानकारी दी गई कि खरीफ 2022 में केन्द्र से यूरिया, डीएपी, एनपीके, पोटाश और सुपर फास्फेट को मिलाकर कुल 13.70 लाख मीट्रिक टन रासायनिक उर्वरकों की मांग की गई थी, जिसके विरूद्ध छत्तीसगढ़ को मात्र 6.30 मीट्रिक टन रासायनिक उर्वरकों की आपूर्ति केंद्र द्वारा की गई है. मार्कफेड, सहकारी समिति और निजी क्षेत्रों में कुल 11.03 लाख मीट्रिक टन रासायनिक उर्वरक का भंडारण किया गया, जो खरीफ 2022 के लिए निर्धारित लक्ष्य का 81 प्रतिशत है. भंडारण की तुलना में किसानों को समितियों और निजी क्षेत्रांे को मिलाकर 67 प्रतिशत रासायनिक उर्वरकों का वितरण किया जा चुका है.

कोविड टीकाकरण बढ़ाने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने बैठक में मौसमी बीमारियों से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों की समीक्षा की. प्रमुख सचिव स्वास्थ्य डॉ. मनेंदर कौर द्विवेदी ने बताया कि मौसमी बीमारियों में उपयोग की जाने वाली दवाइयों का पर्याप्त मात्रा में भंडारण किया जा चुका है. उन्होंने बताया कि कोविड-19 संक्रमण से बचने के ऐहतियाती उपायों के तहत टीकाकरण बढ़ाने के निर्देश कलेक्टरों को दिए गए हैं.

बैठक में से अफसर मौजूद रहे
बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, जल संसाधन विभाग के सचिव अन्बलगन पी, वित्त सचिव अलरमेलमंगई डी, राजस्व सचिव एनएन एक्का, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव प्रसन्ना आर, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, डॉ. एस. भारतीदासन और अंकित आनंद, मुख्यमंत्री की उप सचिव सौम्या चौरसिया सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे.