रायपुर. छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल ने वर्ष 2019 की हाई स्कूल परीक्षा के लिए बड़ा बदलाव किया है. इस बार मुख्य परीक्षा वर्ष 2019 की हाईस्कूल परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं में परिवर्तन किया गया है. हाईस्कूल की उत्तरपुस्तिकाओं में छात्र का रोल नंबर, छात्र का नाम, परीक्षा का दिनांक, परीक्षा कोड, परीक्षा का विषय आदि उत्तरपुस्तिका पर पहले से ही मुद्रित रहेगा. छात्र को उत्तरपुस्तिका के भाग A एवं भाग B में मात्र प्रश्न पत्र का सेट अंकित करना है और हस्ताक्षर करना है. साथ ही बोर्ड परीक्षा में अब पूरक उत्तर पुस्तिका नहीं दी जाएगी.
इस प्रकार किए गए है बदलाव…
- उत्तरपुस्तिका 40 पृष्ठ की तैयार की जाएगी और छात्रों को 40 पृष्ठ में ही अपने प्रश्नों के उत्तर लिखना है. पूरक उत्तरपुस्तिका का प्रावधान समाप्त किया गया है. किसी भी छात्र को पूरक उत्तरपुस्तिका नहीं दी जायेगी. इस व्यवस्था को लागू करने के लिए पूर्व वर्ष की उत्तरपुस्तिकाओं के 20 पृष्ठों को बढ़ाकर 40 पृष्ठ किया गया है.
- 40 पृष्ठीय उत्तरपुस्तिका के ऊपर 2 पृष्ठ OMR Sheet लगाई जायेगी जिसके तीन भाग होंगें- भाग A, B, C , भाग A, B एवं C में आवश्यक जानकारियां पहले से ही मुद्रित रहेंगीं. OMR Sheet के पृष्ठ भाग पर आवश्यक निर्देश दिये गये हैं इन निर्देशों को भी छात्र ध्यान पूर्वक पढ़ लेवें, इस तरह छात्र को पूरे 40 पृष्ठ लिखने के लिये पर्याप्त होंगे.
- उपरोक्त उत्तरपुस्तिका में छात्र को यह सावधानी रखना आवश्यक है कि परीक्षा के समय उसे जो उत्तरपुस्तिका दी जा रही है उसमें पहले से मुद्रित अपना रोल नंबर, अपना नाम, परीक्षा विषय, परीक्षा कोड, परीक्षा दिनांक चेक कर लें. कहीं दूसरे परीक्षार्थी की उत्तरपुस्तिका तो उसे नहीं दे दी गई है. यह सावधानी नहीं रखने पर छात्र जिस उत्तरपुस्तिका में अपने उत्तर देगा उस उत्तरपुस्तिका में जिस छात्र का रोल नंबर अंकित होगा. उस छात्र के अंक उसी रोल नंबर पर अपडेट होंगें जिस रोल नंबर की उत्तरपुस्तिका में छात्र उत्तर लिख रहा है.
- छात्र पूर्व से मुद्रित उत्तरपुस्तिका में अपना रोल नंबर, अपना नाम, विषय कोड, विषय का नाम, परीक्षा दिनांक भलिभांति चेक करने के पश्चात् ही निर्धारित स्थान पर अपने हस्ताक्षर करेंगें तत्पश्चात् उत्तर लिखना प्रारंभ करेंगे.
- उत्तरपुस्तिका के उपयोग से छात्र द्वारा गलती से रोल नंबर अंकित करने पर रोके जाने वाले परीक्षा परिणामों से बचा जा सकेगा. उत्तरपुस्तिकाओं की अदला-बदली संभव नहीं होगी तथा मूल्यांकन में पूरी पारदर्शिता बरती जा सकेगी.