अजयारविंद नामदेव, शहडोल। जिले में आदिवासी महिलाओं के साथ लाखों रुपये की ठगी का गंभीर मामला सामने आया है। गोहपारू थाना क्षेत्र के ग्राम शिल्पी सहित आसपास के गांवों की दर्जनों आदिवासी महिलाएं कलेक्टर कार्यालय पहुंचीं और कलेक्टर डॉ. केदार सिंह से मुलाकात कर अपनी आपबीती सुनाई।
महिलाओं ने आरोप लगाया कि स्व-सहायता समूह से जोड़कर उन्हें सरकारी लाभ दिलाने के नाम पर उनके अंगूठे लगवाए गए और उन्हीं अंगूठों का दुरुपयोग कर उनके नाम पर लाखों रुपये का फर्जी ऋण उठाया गया।
पीड़ित महिलाओं का कहना है कि वे अधिकतर अनपढ़ और आर्थिक रूप से कमजोर हैं। महिला बेला बाई सिंह ने खुद को स्व-सहायता समूह की मुखिया बताते हुए भरोसे में लिया और कहा कि समूह से जुड़ने पर उन्हें रोजगार और आर्थिक सहायता मिलेगी। इसी बहाने महिलाओं से दस्तावेजों पर अंगूठा लगवाया गया, बाद में पता चला कि सत्या माइक्रो कैपिटल लिमिटेड नामक कंपनी से उनके नाम पर लाखों रुपये का लोन ले लिया गया, जबकि महिलाओं ने न तो कोई ऋण लिया और न ही इसकी जानकारी उन्हें दी गई।
महिलाओं का आरोप है कि अब उक्त माइक्रो फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी उनके घर पहुंचकर ऋण वसूली के लिए दबाव बना रहे हैं और लगातार पैसों की मांग कर रहे हैं। इससे उनके परिवारों में तनाव और भय का माहौल बना हुआ है। कई महिलाओं ने कहा कि वे मजदूरी कर अपना जीवन यापन करती हैं और इतनी बड़ी रकम चुकाने की स्थिति में बिल्कुल नहीं हैं।
कलेक्टर डॉ. केदार सिंह ने महिलाओं की शिकायत को गंभीरता से सुनते हुए तत्काल संबंधित विभागों को जांच के निर्देश दिए। उन्होंने आश्वासन दिया कि पीड़ित महिलाओं के साथ न्याय किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि मामले की त्वरित जांच कर फर्जी ऋण प्रकरणों को निरस्त कराने और महिलाओं को राहत दिलाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं।
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