यमुना की सफाई के लिए 32 उच्च क्षमता वाली मशीनें तैनात की जाएँगी। सफाई अभियान की शुरुआत नजफगढ़ ड्रेन से की जाएगी, जिससे प्रदूषण के मुख्य स्रोत को नियंत्रित किया जा सके। काम समय पर पूरा हो, इसके लिए तकनीक आधारित मॉनिटरिंग प्रणाली लागू की जाएगी। सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने कहा कि यमुना की स्वच्छता के लिए प्रतीकात्मक प्रयासों की बजाय निरंतर और ठोस कार्यवाही की आवश्यकता है।
यमुना सफाई अभियान के तहत प्रमुख नालों की मशीनों से सफाई की जाएगी, जिसके बाद अन्य नालों को चरणबद्ध तरीके से शामिल किया जाएगा। मशीनें इस प्रकार तैनात की जाएँगी कि सफाई के साथ-साथ डी-सिल्टिंग, जलकुंभी और खरपतवार हटाने का कार्य भी एक साथ हो सके। ये मशीनें दुर्गम और जलभराव वाले क्षेत्रों में कार्य करने के लिए विशेष रूप से डिजाइन की गई हैं।
चरणबद्ध कार्रवाई के लिए यमुना के हिस्सों को चिन्हित किया जा चुका है। मंत्री प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने कहा कि अब तक यमुना सफाई केवल फाइलों और प्रेस बयानों तक सीमित रही, लेकिन इस बार वास्तविक बदलाव की शुरुआत की जाएगी। प्रदूषण भार को ध्यान में रखते हुए नजफगढ़ ड्रेन को प्रथम चरण के लिए चुना गया है। इसके बाद प्रमुख नालों और चिन्हित हिस्सों में सफाई कार्य आगे बढ़ाया जाएगा। अफसरों ने भी पुष्टि की कि पूरा अभियान चरणबद्ध तरीके से संचालित होगा।
किन मशीनों के जरिए प्रदूषण मुक्त होगी यमुना?
दिल्ली सरकार के इस अभियान का मुख्य उद्देश्य नालों से निकलने वाले अनट्रीटेड कीचड़, गाद और ठोस कचरे को यमुना में बहने से रोकना है। इसके तहत बड़े नालों की मशीनी सफाई को तेज किया जाएगा। नई तकनीक से लैस ये मशीनें न केवल गहरी गाद निकालने में सक्षम होंगी, बल्कि कीचड़ हटाने, दुर्गम क्षेत्रों में सफाई करने और जलकुंभी व जंगली घासों को काटने जैसे कार्य भी कर सकेंगी—जो पुरानी मशीनों के लिए संभव नहीं था।
इस अभियान के लिए निम्नलिखित आधुनिक मशीनें तैनात की जाएंगी-
8 लंबे बूम वाले एम्फीबियस एक्सकेवेटर
6 लंबे बूम वाले हाइड्रॉलिक एक्सकेवेटर
2 एम्फीबियस बहुउद्देशीय ड्रेजर
6 खुद चलने वाली एवं खुद अनलोड करने वाली हॉपर बार्ज
3 मिनी एम्फीबियस एक्सकेवेटर
2 वीड हार्वेस्टर मशीनें
2 व्हील्ड स्किड स्टीयर लोडर
2 क्रॉलर मिनी हाइड्रॉलिक एक्सकेवेटर
1 सुपर सकर-कम-जेटिंग मशीन
इन 32 अत्याधुनिक मशीनों की मदद से यमुना और उससे जुड़े नालों की गहरी मशीनी सफाई सुनिश्चित की जाएगी।
‘यमुना की सफाई के लिए लगातार काम करने की जरूरत’
यमुना सफाई अभियान का पहला चरण फिनलैंड से ड्रेजर के दिसंबर के अंतिम सप्ताह में दिल्ली पहुंचने के बाद शुरू होगा। ये आधुनिक मशीनें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नदियों और नालों की सफाई के लिए उपयोग की जाती हैं। अनुमान है कि जनवरी से ये पूरी क्षमता के साथ कार्यरत होंगी और मशीनी सफाई तेज गति से शुरू हो जाएगी। दिल्ली के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा, “यमुना की सफाई के लिए प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि निरंतर और ठोस कार्यवाही की आवश्यकता है। वर्षों तक सफाई केवल कागजों और बयानों तक सीमित रही, लेकिन इस बार जनवरी से मशीनें वास्तव में मैदान में काम करती दिखाई देंगी।”
‘यमुना में प्रदूषण सालों की उपेक्षा का नतीजा’
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा कि यमुना में बढ़ता प्रदूषण वर्षों की उपेक्षा और पुरानी व्यवस्थाओं का परिणाम है। उन्होंने कहा कि अब इस चक्र को तोड़ा जा रहा है और इसके लिए आधुनिक व उच्च क्षमता वाली मशीनों की तैनाती की जा रही है, ताकि प्रदूषण को नालों में ही रोककर यमुना तक पहुंचने से पहले नियंत्रित किया जा सके। वर्मा ने कहा, “हमारी रणनीति स्पष्ट है नालों की सफाई, प्रदूषण भार में कमी और यमुना की स्थिति में दिखाई देने वाला सुधार। अब कोई बहाना नहीं चलेगा, न ही काम की गति धीमी होगी।” अधिकारियों के अनुसार, एम्फीबियस मशीनें दलदली और गहरे इलाकों में प्रभावी सफाई सुनिश्चित करेंगी, जबकि हॉपर बार्ज सफाई कार्य को तेज और अधिक कुशल बनाएंगी।
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