दिल्ली हाई कोर्ट(Deljhi High-Court) ने एक मामले में महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया, जिसमें एक व्यक्ति पर एक महिला यात्री को विमान में लगातार घूरने का आरोप था. न्यायालय ने दोनों पक्षों के बीच सुलह के बाद प्राथमिकी को खारिज कर दिया. जस्टिस रविंदर डुडेजा ने कहा कि जब दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से मामले को सुलझा लिया है, तो विवाद को आगे बढ़ाने का कोई औचित्य नहीं है. शिकायतकर्ता महिला ने अदालत में यह स्पष्ट किया कि उसने बिना किसी दबाव या डर के मामले को सुलझाया है और उसे प्राथमिकी खारिज करने पर कोई आपत्ति नहीं है.
इन मामलों में दर्ज हुई थी FIR
कोर्ट ने 30 मई को अपने निर्णय में कहा कि जब दोनों पक्षों ने विवाद को सुलझा लिया है, तो मौजूदा एफआईआर को जारी रखने का कोई औचित्य नहीं है. इसके परिणामस्वरूप, IGI एयरपोर्ट पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर को खारिज कर दिया गया. यह मामला आईपीसी की धारा 509 के तहत दर्ज किया गया था, जो महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से शब्द, इशारा या कार्य करने से संबंधित है.
क्या था पूरा मामला?
महिला ने आरोप लगाया कि पिछले साल 28 मई को इंदौर से दिल्ली की उड़ान के दौरान याचिकाकर्ता ने उसे बार-बार घूरा, जिससे वह असहज महसूस करने लगी. दिल्ली पहुंचने के बाद उसने इस मामले की लिखित शिकायत पुलिस में दर्ज कराई. दिल्ली पुलिस के वकील ने अदालत में कहा कि सुलह के संदर्भ में उन्हें एफआईआर और चार्जशीट को खारिज करने पर कोई आपत्ति नहीं है.
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