महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक अदालत ने एक नाबालिग लड़की को वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर करने के मामले में 51 वर्षीय एक महिला को सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डी एस देशमुख ने आरोपी काजल बाबू चंदन को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम, 1956 और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम, 2012 के तहत कई गंभीर अपराधों के लिए दोषी ठहराया। पंद्रह अक्टूबर के आदेश की एक प्रति शनिवार को उपलब्ध कराई गई।
ऐसे आई पुलिस के शिकंजे में
अभियोजन पक्ष के अनुसार, यह घटना 30 मार्च, 2022 को तब सामने आई जब पुलिस को सूचना मिली कि आरोपी लड़कियों से वेश्यावृत्ति करा रही है। इसके बाद एक फर्जी ग्राहक के साथ जाल बिछाया गया और आरोपी को पकड़ लिया गया। नाबालिग पीड़िता, जो घटना के समय 16 वर्ष की थी, आरोपी के साथ पाई गई और जांच से पता चला कि वह कपड़े खरीदने के बहाने किशोरी को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गई थी।
नरमी बरतने से इनकार
बचाव पक्ष ने अदालत से अभियुक्त की हिरासत की अवधि का हवाला देते हुए नरमी बरतने की गुहार लगाई। हालांकि, अदालत ने ऐसे अपराधों के लिए अनिवार्य न्यूनतम सजा का हवाला देते हुए नरमी बरतने से इनकार कर दिया। अदालत ने दोषी को सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई और उस पर 19,000 रुपये का जुर्माना लगाया।
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