रायपुर. नए साल के पहले दिन ही भूपेश कैबिनेट ने शराबबंदी की दिशा में अहम कदम आगे बढ़ाया है. पिछली सरकार में शराब नीति को लेकर किए गए अध्ययन रिपोर्ट को खारिज करते हुए राज्य शासन ने नए सिरे से कमेटी बनाने की सिफारिश को मंजूरी दी है. यह कमेटी विभिन्न राज्यों का दौरा कर अपनी रिपोर्ट दो माह के भीतर सरकार को सौंपेगी.

भूपेश कैबिनेट की बैठक खत्म होने के बाद फैसलों की जानकारी मीडिया से साझा करते हुए कैबिनेट मंत्री मो. अकबर ने बताया कि तत्कालीन सरकार ने शराबबंदी को लेकर 3 अप्रैल 2017 को कमेटी का गठन किया था. इस कमेटी ने तमिलनाडू, केरल, नई दिल्ली, गुजरात जैसे विभिन्न राज्यों का दौरा करने के बाद अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. इस रिपोर्ट में की गई अनुशंसाओं को पढ़े तो यह बेहद हास्यापद है. रिपोर्ट में अनुशंसा की गई थी कि राज्य में शराब के काउंटर को बढ़ाया जाए. कैश काउंटर और शराब देने वाले कांउटर को अलग-अलग रखा जाए. रिपोर्ट में लिखा गया था कि तमिलनाडु में मदिरा विक्रय को सुगम बनाने की कई व्यवस्था की गई है. ऐसी ही प्रक्रिया राज्य में शुरू की जानी चाहिए. वहां शराब बिक्री के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया भी अपनाई जाती है, उसे यहां भी लागू करना चाहिए.

मो. अकबर ने बताया कि यह सोचकर हंसी आती है कि कमेटी ने अपनी अनुशंसा में यह लिखा है कि बियर और वाइन की उपलब्धता को बढ़ावा दिया जाए, इससे व्यवसायिक फसलों को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट का अध्ययन किए जाने के बाद लगता है कि ये हास्यास्पद है. पुराने रिपोर्ट में कई खामियां पाई गई है. इसलिए रिपोर्ट को पूरी तरह खारिज करते हुए नए सिरे से कमेटी का गठन किया जा रहा है.