रायपुर. छत्तीसगढ़ के गोरेला पेंड्रा मरवाही जिले में एक नई प्रजाति की पक्षी की पहचान की गयी है. छत्तीसगढ़ की महिला IAS अधिकारी चंदन त्रिपाठी और तूलिका प्रजापति ने इस पक्षी को पहली बार 1 जनवरी 2022 को पेंड्रा के मंधना वुड डिपो में देखा था और इसकी पहचान की थी. चंदन त्रिपाठी ने इस चिड़िया की फोटो भी अपने कैमरे में कैद की है.

इसे भी पढ़ें – ICC टी20 वर्ल्डकप का शेड्यूल जारी, जानिए किस दिन भारत और पाकिस्तान की भिड़ंत… 

ठंडे क्षेत्रों में पाई जाने वाली इस चिड़िया का नाम फायर कैप्ड टीट है. नर चिड़िया के चेहरे का हिस्सा आग जैसे भड़कीले लाल रंग की बजाए हल्की लालिमा लिए हुए है जो इसकी खूबसूरती को अद्वितीय बनाता है. मादा चिड़िया के चेहरे पर ये लाल हिस्सा अनुपस्थित है फिर भी उसके आकार के अनुसार यह काफी विशिष्ट है. इस चिड़िया की चोंच छोटी और तीखी है जबकि इसके पंख हल्के पीले रंग का है.

नर और मादा दोनों ही चिड़ियों का उपरी हिस्सा पीला और निचला हिस्सा हल्के भूरे रंग का है, हालांकि नर का उपरी हिस्सा मादा की तुलना में प्रधान रूप से ज्यादा पीला है. मोंटाने ब्रॉडलीफ फारेस्ट में मिलने वाली यह चिड़िया मध्यम और ऊंचे स्थानों पर पायी जाती है. यहां पर दिन और रात के तापमान में ज्यादा अंतर नहीं होता और ये ऊंचाई वाले स्थानों में पाए जाते हैं. अपने झुंड में रहने के साथ ही कभी-कभी ये पक्षी दूसरी प्रजाति की पक्षियों में भी सम्मिलित हो जाते है.

इसे भी पढ़ें – India vs South Africa : पिछले हार का बदला आज लेना चाहेगी टीम इंडिया, सीरीज में 1-0 से आगे है दक्षिण अफ्रीका … 

फायर कैप्ड टीट पक्षी की कुछ प्रजातियां ठंड के दिनों में छोटे पर्वत और तराई वाले हिस्सों में नीचे उतर जाती हैं. इस प्रजाति की चिड़िया की आवाज में एक उतार चढ़ाव का क्रम पाया जाता है जो चहचहाने, कुरकुराने और कंपन युक्त ध्वनि के साथ गाने का अहसास कराती है और ये जब एक झुंड में होते हैं तो चहचहाने और कंपन युक्त ध्वनि का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं.