साल 2019 के करण ओबेरॉय (Karan Oberoi) बलात्कार मामले में हाल ही में एक नया मोड़ सामने आया है. रिपोर्ट्स के अनुसार, मुंबई सत्र न्यायालय ने बलात्कार पीड़िता की पहचान उजागर करने के मामले में एक्ट्रेस पूजा बेदी (Pooja Bedi) के अलावा, अन्वेषी जैन, चैतन्य भोसले, वर्के पटानी, गुरबानी ओबेरॉय, शेरिन वर्गीस, अभिनेता सुधांशु पांडे और अधिवक्ता दिनेश तिवारी सहित कई मशहूर हस्तियों के खिलाफ की गई कार्यवाही जारी रहेगी. कोर्ट ने उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है.

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, आरोपी ने कथित तौर पर पीड़िता के बारे में संवेदनशील जानकारी का खुलासा किया था और यह संभावित रूप से भारतीय दंड संहिता की धारा 228 ए का उल्लंघन हो है. एक रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने कहा कि “भले ही एक या एक से अधिक व्यक्तियों ने बलात्कार मामले में शामिल पीड़िता का नाम लिया हो, लेकिन शिकायतकर्ता के अनुसार सभी को दोषी ठहराया जाएगा, क्योंकि आवेदकों के बीच अपराध करने का सामान्य इरादा था. आवेदकों का तर्क है कि पीड़िता की पहचान का खुलासा करने का कोई इरादा नहीं था और आरोप सामान्य हैं, ऐसे बचाव हैं जिन्हें मुकदमे के दौरान संबोधित किया जा सकता है.”
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इस रिपोर्ट में कहा गया है कि “समूह के खिलाफ पर्याप्त सामग्री है, जो यह सुझाव देती है कि सामान्य इरादे को आगे बढ़ाते हुए, उन्होंने यौन अपराध के संबंध में पीड़िता/शिकायतकर्ता की पहचान का खुलासा किया था. जो धारा 228 ए आईपीसी (कुछ अपराधों के पीड़ित की पहचान का खुलासा) का उल्लंघन करता है, जो यौन अपराध के पीड़ित की पहचान के प्रकाशन या प्रकटीकरण को प्रतिबंधित करता है.”
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बता दें कि यह प्रेस कॉन्फ्रेंस 5 मई, 2019 को पूजा बेदी (Pooja Bedi) के घर पर आयोजित की गई थी. समूह के सदस्यों ने कथित तौर पर शिकायतकर्ता के बारे में बताया और यह कथित तौर पर यौन उत्पीड़न से बचे लोगों की सुरक्षा के लिए स्थापित कानून का उल्लंघन है.
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