हरिओम श्रिवास,मस्तूरी.ऋतिक रोशन की कोई मिल गया फिल्म तो आपको याद ही होगी. उसमें जैसे जादू की एनर्जी का राज धूप था, ठीक इसी तरह बिलासपुर जिले के मस्तूरी ब्लॉक के ग्राम भटचौरा की रहने वाले 10 वी पास  43 वर्षीय अंजोरदास घृतलहरे  ने एक ऐसी कार बना रहा है जिसे चलाने के लिए पेट्रोल-डीज़ल की जरूरत नहीं होगी. बल्कि इस कार को चलाने के लिए सिर्फ धुप की जरूरत पड़ेगी  और पवन ऊर्जा से अपनी कार को लेकर आप निकल पड़ेंगे.

अजीब है, लेकिन सच है  इससे पहले अंजोर दास छोटे प्लास्टिक की कार से मॉडल 2016  में प्रस्तुत कर चुका है. लेकिन अब उस मॉडल को बड़ा रुप दिया  गया है. कार बनाने का काम लगभग पूरा हो चूका है. इस कार की प्रणाली को सौर ऊर्जा पैनल से जोडा गया है. कार की छत पर लगाया गया सोलर पैनल इसकी बैटरियों को ऊर्जा प्रदान करता है. साथ ही आपको ये जानकार और हैरानी हौगी की अंजोर अपने इस ड्रीम को पूरा करने के लिए रोज मजदूरी कर रहा है.

60 किलोमीटर प्रति घण्टे  की यात्रा

बता दें कि इस सोलर कार से आप 60 किलोमीटर प्रति घण्टे  की रफ्तार से यात्रा कर सकते हैं. इस कार को बनाने के लिए पुराने होंडा बाइक की पार्ट्स का उपयोग किया गया है और इस कार में लगे सोलर पैनल से टीवी फ्रीज कूलर को भी  चलाया जा सकता है. ग्लोबल वार्मिंग को लेकर वैश्विक चिंताओं के बीच में अंजोर दास  की कार सौर ऊर्जा के प्रति पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के विजन-2020 और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नजरिए को आगे बढ़ाता है.

लेकिन इस मॉडल को पूरी तरह तैयार करने में अभी कुछ अड़चनें हैं. दरअसल कार को दौड़ाने के लिए अंजोर को बैटरी और सोलर पैनल के साथ इनवर्टर की आवश्यकता है. पर आर्थिक स्थिती से कमजोर होने के कारण अंजोर उन आवश्यक सामानों को लेने मेंं आवश्यक है.

प्रशासन से लगाई मदद की गुहार

 आपको बता दें कि अंजोर ने इस अधूरे काम को पूरा करने के लिए कई बार प्रशासन से मदद की भी गुहार लगाई है. लेकिन अब तक उसकी आवाज को सुना नहीं गायी है. अंजोर ने इसके लिए  मुख्यमंत्री निवास में होने वाली जनदर्शन में आवेदन भी दिया था. जिसको प्रदेश के मुखिया ने क्रेडा और विज्ञान केंद्र रायपुर को पत्र लिखकर आगे के लिए निर्देशित किया था.लेकिन विभाग अब तक इस पर अब तक कुछ खास कदम नहीं उठाया है. अंजोर के मुताबिक कार को केंद्र ने  बिना परीक्षण किए ही उसे रोड में चलने लायक ही नहीं है बताया है. इसके बावजूद भी अंजोर को ये उम्मीद है कि यदी उसे ये मदद मिल जाती है तो उसकी कार दौड़ने लगेगी.