
दक्षिणी दिल्ली के तिगड़ी क्षेत्र में 37 वर्षीय बाइक सवार की मृत्यु हो गई. वह बाइक चलाते समय डिवाइडर से टकरा गया और सीवेज के पानी से भरे गड्ढे में गिर गया, जिससे उसकी जान चली गई. मृतक की पहचान राशिद खान के रूप में हुई है. पुलिस ने बताया कि सोमवार को मृतक सड़क पर गड्ढे में पड़े हुए पाए गए थे और उनके सिर पर चोट के निशान थे.
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एक जांच अधिकारी ने जानकारी दी कि इस क्षेत्र में कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं है. प्रारंभिक जांच से यह स्पष्ट हुआ कि मोटरसाइकिल का चालक तेज गति से चलाते समय अपना हेलमेट हाथ में पकड़े हुए था. एक अन्य स्थान पर, उसने सीवेज के पानी से भरे एक गड्ढे से बचने के लिए ब्रेक लगाया, जिसके कारण वह अपना संतुलन खो बैठा और पानी से भरे दूसरे गड्ढे में गिर गया. यह गड्ढा लगभग छह इंच गहरा था. वह बेहोश हो गया, और संभवतः यही स्थिति उसके लिए जानलेवा साबित हुई.
घटनास्थल पर मिला हेलमेट
पुलिस ने जानकारी दी है कि खान की मोटरसाइकिल और हेलमेट घटनास्थल पर पाए गए हैं. अधिकारियों के अनुसार, खान को एम्स ट्रॉमा सेंटर में ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. इस घटना के संबंध में भारतीय न्याय संहिता की धारा 281 (लापरवाही से वाहन चलाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है और जांच जारी है. अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि सड़क के रखरखाव के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को मामले में शामिल किया गया है या नहीं.
PWD और DMRC ने झाड़ा पल्ला
पीडब्ल्यूडी के एक अधिकारी ने जानकारी दी कि सड़क वर्तमान में डीएमआरसी के नियंत्रण में है. उन्होंने बताया कि पीडब्ल्यूडी ने सड़क की मरम्मत के लिए डीएमआरसी को कई बार पत्र भेजे हैं, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है. हाल ही में, पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों को निर्देशित किया गया था कि वे अपनी जिम्मेदारी की सड़कों की मरम्मत करें और इसके लिए डीएमआरसी से खर्च वसूलें. इस बीच, डीएमआरसी के एक प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि सड़क का यह हिस्सा उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है और मामले की पुष्टि के बाद यह जानकारी दी गई है.
सड़क पर गड्ढों की वजह से बढ़ रहे हादसे
दिल्ली की सड़कों पर गड्ढों की समस्या निरंतर बनी हुई है. प्रतिदिन गड्ढों के कारण वाहन चालकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, और कई बार ये दुर्घटनाओं का कारण भी बनते हैं. स्थानीय निवासियों का मानना है कि प्रशासन को इन गड्ढों को शीघ्र भरने की आवश्यकता है, ताकि ऐसी दुखद घटनाएं पुनः न हों.
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