कोण्डागांव। जिले में एक ऐसा स्कूल भवन है जो पिछले कुछ वर्षों से एक लकड़ी के खंभे के सहारे टिका हुआ है. जहां आज भी बकायदा बिना किसी डरभाव के प्राथमिक स्कूल की कक्षाएं लगाई जा रही हैं. इस जर्जर भवन की स्थिति देखकर तो कोई कक्ष में घूसने की हिम्मत न करे, लेकिन फिर शिक्षक और छात्र-छात्राओं की जिंदगी खतरे में डाली जा रही है. स्कूल की इस स्थिति को देखकर कई सवाल शासन और प्रशासन पर उठ रहे हैें.
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दरअसल बम्हनी पंचायत के चारगांव प्राथमिक पाठशाला में 89 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं, लेकिन यहां पृथक से व्यवस्था न हो पाने व जगह की कमी के चलते जजर्र हो चुके स्कूल भवन में आज भी कक्षाएं संचालित हो रही है। यदि इस ओर विभाग ने समय रहते ध्यान नहीं दिया तो यहां कभी भी बड़ा हादसा होने से इंनकार नहीं किया जा सकता। एक ओर शिक्षा और शिक्षकों को दुरूस्त करने के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित हो रही हैं. लेकिन इस गांव के प्राथमिक स्कूल की ओर शायद ही किसी आधिकारी कमर्चारी का ध्यान गया होगा। और यही वजह है कि इस स्कूल की खस्ताहाॅल होने के बाद भी यहाॅ कक्षाएं संचालित की जा रही है.
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हांलाकि स्कूल प्रबंधन ने इस भवन के एक कमरे को बंद तो कर रखा है. लेकिन इसी भवन के दूसरे कमरे में कक्षाएं बे रोक-टोक संचालित हैं. इस स्कूल के एक कमरे में तीन कक्षाएं लग रही हैं.
एक महिला शिक्षिका ने इस मामले पर कहा कि वे कई बार इसकी सूचना अधिकारियों को दे चुके हैं. बावजूद इसके किसी भी तरह की उचित कार्रवाई इस पर नहीं की गई है.
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