हिजबुल जबुल मुजाहिदीन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन के खिलाफ विशेष एनआईए अदालत ने गैर-जमानती वारंट जारी किया है. भारत ने आतंकवाद के विरुद्ध एक और मजबूत कदम उठाते हुए हिजबुल मुजाहिदीन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन को भगोड़ा घोषित किया था. सलाहुद्दीन गिरफ्तारी से बचने के लिए पाकिस्तान भाग गया है. वह भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी की मोस्ट वांटेड आतंकवादियों की लिस्ट में शामिल है. अदालत ने यह गैर-जमानती वारंट 2012 के एक आतंकी मामले में जारी किया गया है, जो पुलिस स्टेशन बडगाम में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और धारा 506 आरपीसी के तहत दर्ज किया गया था. यह कार्रवाई भारत की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाती है. कोर्ट ने पाया कि इस मामले में यूएईपीए की धारा 13, 18, 20 और 39 के तहत अपराध शामिल हैं और जांच अधिकारी द्वारा एकत्र की गई सामग्री प्रथम दृष्टया सलाहुद्दीन को आतंकी गतिविधियों से जोड़ती है.

Special NIA Court ने हिजबुल मुजाहिदीन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है. अदालत द्वारा यह पाए जाने के बाद वारंट जारी किया गया है कि बडगाम के सोइबो निवासी सलाहुद्दीन गिरफ्तारी से बचने के लिए पाकिस्तान भाग गया है.

उत्तरी कश्मीर में विशेष अदालत ने प्रतिबंधित आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन का सरगना मोहम्मद यूसुफ शाह उर्फ सैयद सलाहुद्दीन को भगोड़ा घोषित किया था. सीआरपीसी की धारा 73 पर भरोसा करते हुए, विशेष न्यायाधीश ने जम्मू और कश्मीर पुलिस को एफआईआर संख्या 331/2012 के संबंध में सलाहुद्दीन को गिरफ्तार करने और मंजूरी के बाद अनुपस्थिति में मुकदमे सहित आगे की कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करने का निर्देश दिया है. इससे पहले NIA कोर्ट ने उसे औपचारिक रूप से भगोड़ा घोषित कर दिया था और आदेश दिया है कि वह 30 अगस्त 2025 से पहले कोर्ट में हाज़िर हो.

सैयद सलाउद्दीन हिजबुल मुजाहिदीन का सरगना है. उसका असली नाम मोहम्मद यूसुफ शाह है. वही कश्मीर में सक्रिय आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन का प्रमुख है. वह यूनाइटेड जिहाद काउंसिल का भी प्रमुख है, जो पाकिस्तान स्थित आईएसआई प्रायोजित जिहादी आतंकवादी समूह है.

लगभग 34 वर्ष से पाकिस्तान में छिपे सलाहुद्दीन के खिलाफ पहले जिला बड़गाम और श्रीनगर में दर्ज मामलों में भी भगोड़ा घोषित किया जा चुका है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह हिज्ब आतंकी के खिलाफ उत्तरी कश्मीर के डंगीबच्छा सोपोर पुलिस स्टेशन में दर्ज मामले से संबंधित है। यह मामला वर्ष 2012 में दर्ज किया था। सैयद सलाहुद्दीन का जन्म दिसंबर 1946 में कश्मीर घाटी के बडगाम के सोइबो में हुआ था. 1989 में चुनाव के दौरान हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के लिए सैयद सलाहुद्दीन को गिरफ्तार कर लिया गया था. रिहाई के बाद वह मोहम्मद अहसान डार उर्फ ‘मास्टर’ द्वारा स्थापित हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हो गया.

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