कोंडागांव। बस्तर संभाग के शिक्षा विभाग में एक वरिष्ठ अधिकारी के कथित ‘अमानवीय और अपमानजनक व्यवहार’ ने नया भूचाल ला दिया है. संयुक्त संचालक (शिक्षा) पर कोंडागांव के एक शिक्षक को केवल जींस-शर्ट पहनने के कारण सार्वजनिक रूप से अपमानित करने और कार्यालय से बाहर लौटाने का आरोप लगा है. छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ विकास खंड बडेराजपुर, जिला कोंडागांव ने इस घटना को ‘अशोभनीय और अनुशासनहीनता’ मानते हुए आवाज उठाई है और उच्च स्तरीय कार्रवाई की मांग की है.

जानें क्या है पूरा मामला

पीड़ित शिक्षक प्रकाश कुमार नेताम ने इस संबंध में विधायक और उच्च अधिकारियों को लिखित शिकायत भेजी है. पत्र के अनुसार, दिनांक 10/10/2025 को शिक्षक नेताम, डेली डायरी में त्रुटी के कारण जारी ‘कारण बताओ नोटिस’ का जवाब देने संयुक्त संचालक, शिक्षा संभाग बस्तर के कार्यालय गए थे.

शिक्षक नेताम का आरोप है कि उन्हें देखते ही जॉइंट डायरेक्टर ने सख्त लहजे में कहा कि वह “जीन्स पहने वालों से नहीं मिलते हैं” और उनके कार्यालय में जींस पैंट पहनना ‘वर्जित’ है. यह टिप्पणी करते हुए, उन्हें तुरंत कार्यालय से बाहर जाने को कहा गया, जिससे शिक्षक को गहरे सदमे में डाल दिया.

शिक्षक ने जताया गहरा दुख: 

शिकायतकर्ता शिक्षक नेताम ने पत्र में स्पष्ट किया है कि संयुक्त संचालक के इस व्यवहार से उन्हें “काफी आहत, व्यथित और अपमानित” महसूस हुआ है. उन्होंने पीड़ा व्यक्त की है कि जब वह एक अत्यंत संवेदनशीलता और व्यक्तिगत पीड़ा के साथ वहां खड़े थे, तब उनके पहनावे को मुद्दा बनाकर इस तरह का अपमानजनक व्यवहार क्यों किया गया?

अंतिम चेतावनी और आंदोलन का ऐलान

इस घटना से बस्तर संभाग के शिक्षकों में भारी रोष व्याप्त है. समस्त शिक्षक संगठनों की ओर से इस कृत्य के लिए संयुक्त संचालक (शिक्षा), बस्तर संभाग के विरुद्ध तत्काल सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की गई है. शिक्षक संगठन ने शिकायत पत्र में अंतिम चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि यदि संयुक्त संचालक के विरुद्ध सात दिनों के भीतर अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की गई और उनका अन्यत्र पदस्थापना नहीं किया गया, तो समस्त शिक्षक संगठन एक व्यापक और उग्र शिक्षक आंदोलन शुरू करने के लिए बाध्य होंगे.

संगठन ने चेतावनी दी है कि ऐसी स्थिति में होने वाली किसी भी अप्रिय घटना की सम्पूर्ण जिम्मेदारी शासन की होगी. बस्तर संभाग के शिक्षकों की निगाहें अब शासन के आगामी निर्णय पर टिकी हुई हैं.