कुंदन कुमार/पटना: पटना हाईकोर्ट ने उत्पाद विभाग के अधिकारियों के कार्यशैली पर नाराजगी जताई है और उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने का निर्देश दिया है. साथ ही मामले में संलिप्त संबंधित अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई चलाने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने सरकार को 8 हफ्ते के भीतर 21 लाख रुपए हाईकोर्ट की रजिस्ट्री में जमा करने का आदेश दिया है. 

आपराधिक मामला दर्ज करने का निर्देश

हाईकोर्ट ने कहा है कि 21 लाख रुपए की जब्त ट्रक को मात्र 2 लाख में नीलाम कर दिया गया है. शराबबंदी कानून के तहत इस ट्रक को नीलाम किया गया है. नीलामी की सूचना स्थानीय समाचार पत्र में प्रकाशित किया गया, जबकि ट्रक के मालिक मुंबई के रहने वाले हैं, उन्हें व्यक्तिगत नोटिस दिए बिना ही ट्रक को नीलाम किया गया है. निश्चित तौर पर इस नीलामी पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है. साथ ही उत्पाद विभाग के अधिकारियों के कार्यशैली को लेकर उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने का निर्देश दिया है. 

21 लाख रुपए हाईकोर्ट में जमा करने का आदेश

आपको बता दें कि बिहार में शराबबंदी कानून लागू है और इसके तहत जितने भी वाहन शराब के साथ पकड़े जाते हैं, उसकी नीलामी उत्पाद विभाग करती है. मुंबई के ट्रक मालिक ने हाईकोर्ट में याचिका दायर किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके ट्रक की कीमत 21 लाख है, जबकि उत्पाद विभाग के कर्मचारियों ने 2 लाख में ही उनके ट्रक को नीलाम कर दिया है. इसको लेकर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है और साफ-साफ उत्पाद विभाग के अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई चलाने का निर्देश देते हुए 21 लाख रुपए हाईकोर्ट में जमा करने का आदेश भी दिया है. 

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