तापमान में लगातार गिरावट को देखते हुए दिल्ली चिड़ियाघर ने अपने जानवरों के लिए विशेष ‘विंटर प्लान’ लागू कर दिया है। इस योजना के तहत बाड़ों में हीटर और डीह्यूमिडिफायर लगाए जा रहे हैं, ताकि ठंड और नमी से जानवरों को राहत मिल सके। जानवरों के आहार में भी बदलाव किया गया है. अब उन्हें अतिरिक्त ऊर्जा देने के लिए मेवे (नट्स), गुड़ और गर्माहट बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ दिए जाएंगे। अधिकारियों ने बताया कि युवा प्राइमेट्स, जैसे बंदरों को, ठंड से बचाने के लिए कंबल उपलब्ध कराए जाएंगे, जबकि उनके बाड़ों को गर्म रखने के लिए बांस की जाफरी और फूस लगाई जा रही है।

तापमान में गिरावट का रुख लगातार जारी है। इस मौसम में पहली बार 15 नवंबर को दिल्ली का न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से नीचे चला गया था। 17 नवंबर को यह 8.7 डिग्री तक पहुंच गया, जो पिछले तीन वर्षों में नवंबर का सबसे कम तापमान था। मंगलवार को भी न्यूनतम तापमान 9.6 डिग्री दर्ज किया गया, जो सामान्य से तीन डिग्री कम रहा। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि दिसंबर के अंत और जनवरी के शुरुआती दिनों में दिल्ली का न्यूनतम तापमान 5 डिग्री से नीचे जाना असामान्य नहीं है।

दिल्ली जू प्रशासन के अनुसार, विभिन्न प्रजातियों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उनके लिए पर्याप्त हीटिंग व्यवस्था और प्रजाति-वार अलगाव की योजना बनाई गई है। सर्दियों के आहार में बदलाव समेत यह संपूर्ण विंटर प्लान 1 नवंबर से ही लागू कर दिया गया है। चिड़ियाघर के निदेशक संजीव कुमार ने बताया, “इस साल प्रजाति-विशिष्ट और उम्र-विशिष्ट विस्तृत योजना तैयार की गई है। ठंड की तीव्रता को देखते हुए टीम ने इसे 1 नवंबर से ही लागू करना शुरू कर दिया है।”

मणिपुरी हिरण जैसी प्रजातियों में, जो प्रायः सर्दियों के दौरान शावकों को जन्म देती हैं, मां और नवजात पर अनावश्यक दबाव न पड़े, इसके लिए प्रमुख नर को अलग किया जा रहा है। चिड़ियाघर के निदेशक संजीव कुमार ने बताया, “शाकाहारी जानवरों और पक्षियों को धान के पुआल की गर्म बिस्तर-व्यवस्था उपलब्ध कराई जा रही है, जबकि मांसाहारी और प्राइमेट्स को बर्फीली जमीन के संपर्क से बचाने के लिए लकड़ी के तख्ते और चटाइयां दी गई हैं।” इस महीने लागू किए गए शुरुआती उपायों में नवजात प्राइमेट्स को कंबल देना भी शामिल है। इसके अतिरिक्त, कई बाड़ों में हीटर और डीह्यूमिडिफायर स्थापित कर दिए गए हैं।

सरीसृप गृह (Reptile House) में स्थिर तापमान बनाए रखने के लिए विशेष थर्मोरेगुलेशन और आर्द्रता नियंत्रण प्रणालियाँ स्थापित की गई हैं। चिड़ियाघर अधिकारियों ने बताया कि सर्दियों के लिए विशेष आहार में मौसमी सब्ज़ियों, पोषक तत्वों की खुराक और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले पदार्थों के अलावा मेवे, गुड़ और गन्ना प्रमुख रूप से शामिल किए गए हैं।

एक अधिकारी ने बताया, “संवेदनशील प्रजातियों को ठंडी हवाओं से बचाने के लिए पक्षियों के बाड़ों और अन्य कमज़ोर हिस्सों में बाँस की जाफरी की फूस लगाई गई है।” उन्होंने यह भी कहा कि जैसे-जैसे तापमान और गिरेगा, सुरक्षा की अतिरिक्त परतें जोड़ी जाएँगी।

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