कुमार प्रदीप/गोपालगंज: प्रयागराज महाकुंभ के संगम नोज पर हुए भगदड़ मामले में जिला प्रशासन ने जहां 30 लोगों के मौत की पुष्टि की है, तो वही भगदड़ में शिकार हुए लोगों के बॉडी को भी उनके गंतव्य स्थान तक भेजा जा रहा है. आज इसी कड़ी में महाकुंभ के संगम नोज पर हुई भगदड़ मामले में शिकार गोपालगंज के भोरे प्रखंड के रामनगर गांव निवासी स्वर्गीय भूटेली माझी की 60 वर्षीय पत्नी सरस्वती देवी का पार्थिव शरीर एंबुलेंस के माध्यम से उनके घर पहुंचा.
मुआवजे का आश्वासन
गांव में एंबुलेंस को आता देख पूरा भीड़ उमड़ पड़ा और परिजनों में चीख पुकार मच गई. हालांकि इस बीच भोरे के सिओ अनुभव कुमार राय, प्रखंड विकास पदाधिकारी दिनेश कुमार सिंह परिजनों से मिलकर बॉडी का सत्यापन किया और सरकार के द्वारा दिए जाने वाले मुआवजे का आश्वासन मृतिका के परिजनों को दिया.
भगदड़ में हुई मौत
वहीं, इस घटना को लेकर परिजन बावंति देवी ने बताया कि बीते शुक्रवार को मेरी सास मेरे बेटे दीपू कुमार के साथ गांव के 11 लोगों के साथ यूपी के भटनी जंक्शन गई और वहां से ट्रेन पकड़ कर वह प्रयागराज कुंभ नहाने गई थी. बीते मंगलवार की देर रात भगदड़ मची और जिसमें मेरी सास चपेट में आ गई और उनकी मौत हो गई.
ग्रामीणों का हुजूम
इस परिवार को चलाने के लिए मेरी सास दिन रात मेहनत करती थी. अब उनके नहीं रहने से परिवार का बोझ मेरे कंधे पर आ गया. हम सरकार से मांग करते हैं कि जो मुआवजा सरकार ने घोषित किया है. वह हम गरीबों को मिले. वहीं, कुंभ भगदड़ में शिकार हुई महिला की बॉडी को देखने के लिए ग्रामीणों का हुजूम अभी भी दरवाजे पर लगा हुआ है.
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