अविनाश श्रीवास्तव, सासाराम। जिले में एक महिला ने अपने 15वें बच्चे को जन्म दिया है. दिनारा के गोपालपुर की रहने वाली सैफुल खातून ने अपने 15वें बच्चे को जन्म दिया. लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि उसके सभी 14 कुपोषित बच्चा पैदा होने के साथ ही मर गए. अब जब 15वां बच्चा जन्म लिया तो उसकी भी स्थिति काफी नाजुक थी.

500 ग्राम था बच्चे का वजन

सासाराम के एक निजी अस्पताल में महिला ने बच्चे को जन्म दिया है. जन्म लेने पर बच्चे का वजन महज 500 ग्राम था. कई दिनों तक निजी अस्पताल में रखने के बावजूद नवजात की स्थिति में सुधार नहीं हुआ. अंतत: मरणासन्न स्थिति में महिला अपने बच्चे को लेकर सासाराम के सदर अस्पताल में पहुंची. जहां, एक सप्ताह से कम समय में ही बच्चे को बेहतर इलाज मिला और बच्चा के वजन में अप्रत्याशित वृद्धि हुई. आज लगभग 700 ग्राम वजन होने के बाद बच्चा को छुट्टी दी गई. सासाराम के सिविल सर्जन डॉ. मणिराज रंजन इस पर खुद निगरानी रख रहे थे.

सिविल सर्जन ने बढ़ाया स्वास्थ्य कर्मियों का हौसला

बच्चे को जब अस्पताल से छुट्टी दी जा रही थी, तो सिविल सर्जन खुद एसएनसीयू पहुंचे तथा बच्चें की देखरेख करने वाले डॉक्टर तथा सभी स्वास्थ्य कर्मियों को मिठाई खिलाई और उन्हें गुलाब का फूल भेंट कर उनका हौसला बढ़ाया.

सिविल सर्जन ने बताया कि, सदर अस्पताल में नवजात बच्चों के इलाज के लिए तमाम व्यवस्थाएं हैं. अभी फिलहाल 10 रेडिएंट वार्मर उपलब्ध है. जिसमें नवजात बच्चों का इलाज होता है. ज्यादातर गरीब तबके के बच्चे यहां भर्ती किए जाते हैं. रेडिएंट वार्मर के अलावा तमाम तरह के उपस्कर इस अस्पताल में मौजूद है. साथ ही उच्च प्रशिक्षित डॉक्टर एवं चिकित्सा बेहतर सेवा दे रहे हैं. इसका परिणाम है कि बच्चों की मृत्यु दर में रोहतास जिला में अप्रत्याशित कमी आई है. सदर अस्पताल स्थित मातृ शिशु अस्पताल में जच्चा तथा बच्चा दोनों को बेहतर इलाज मुहैया कराया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- India Pakistan War: युद्ध के दौरान लालू यादव की दोनों बेटियों ने पाकिस्तान को ललकारा, रोहिणी और मीसा ने कुछ इस तरह बढ़ाया भारतीय सेना का हौसला