Bihar News: बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल एक बार फिर खुल गई है। करोड़ों रुपये खर्च के बावजूद सरकारी अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था सवालों के घेरे में है। पटना स्थित इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (IGIMS) जैसे राज्य के बड़े अस्पताल में भर्ती एक महिला मरीज के अचानक लापता हो जाने की घटना न सिर्फ चिंता का विषय है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि अस्पतालों में मरीजों की देखभाल और सुरक्षा व्यवस्था कितनी लचर है।
9 जुलाई को भर्ती हुई थी महिला
घटना 11 जुलाई की सुबह की है, जब समस्तीपुर निवासी रेणु देवी नामक मानसिक रूप से अस्वस्थ महिला, जो IGIMS में भर्ती थीं, अस्पताल परिसर से अचानक गायब हो गईं। परिजनों के अनुसार, रेणु देवी को 9 जुलाई को इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। लेकिन दो दिन बाद, सुबह जब बेटा सोकर उठा, तो मां बेड से गायब थी। काफी खोजबीन के बावजूद कोई सुराग नहीं मिला। थकहार कर बेटे ने स्थानीय शास्त्री नगर थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।
प्रशासन का नहीं मिल रहा सहयोग
सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि अस्पताल प्रशासन ने न तो गंभीरता दिखाई, न ही परिवार को CCTV फुटेज मुहैया करवाई, जिससे पता चल सके कि मरीज कहां और कैसे गईं। परिजनों का आरोप है कि उन्होंने कई बार अनुरोध किया, लेकिन प्रशासन की ओर से सहयोग नहीं मिला।
स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर सवाल
यह घटना न केवल IGIMS जैसी संस्थान की लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि पूरे स्वास्थ्य महकमे की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है। जब प्रदेश के सबसे बड़े और आधुनिक अस्पतालों में सुरक्षा और निगरानी का यह हाल है, तो दूरदराज़ के अस्पतालों की हालत का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है।
परिजनों की व्यथा और प्रशासन की खामोशी एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर सरकारी अस्पतालों में मरीजों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की क्या कोई गारंटी है?
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