#metoo, “एक पुरुष इसलिए आत्महत्या कर लेता है क्योंकि एक स्त्री उसे शारीरिक सम्बंध बनाने के लिए मजबूर करती है, जबकि पुरुष शादीशुदा है, पत्नी के प्रति वफ़ादार है”।

ये ख़बर बीते दिनों में आपने भी शायद पढ़ी हो। मैंने पढ़ी, लेकिन सोशल मीडिया पर इसकी कहीं चर्चा नहीं। पिछले दिनों एक पुलिस अधिकारी ने आत्महत्या की। उसकी पत्नी पर प्रताड़ना के आरोप हैं। उसकी भी सोशल मीडिया पर कहीं चर्चा नहीं। हम कितने सेलेक्टिव हो गए हैं ना। स्त्री प्रताड़ना, उसके हैरासमेंट, उस पर होने वाले जुल्मों के खिलाफ़ खुलकर बोलते हैं, लड़ते हैं, मगर यदि कोई स्त्री किसी पुरुष के साथ दुर्व्यवहार करे तो हम चुप्पी साध लेते हैं।

स्वतंत्र लेखिका-अंकिता जैन

अपने अधिकारों के लिए लड़ना, अपने साथ हो रहे अनाचार के ख़िलाफ़ बोलना जितना ज़रूरी है उतना ही ज़रूरी है अपनी ही जमात द्वारा किए जा रहे कुकर्मों के ख़िलाफ़ बोलना। उसकी अनदेखी नहीं की जानी चाहिए। यह अपनी ही नाव में हो गए छेद को अनदेखी करने जैसा है जो विशाल समंदर को डटकर पार करने के इरादे से ऊँची-ऊँची लहरों से लड़ रही है, मगर एक छेद उसे किसी दिन ले डूबेगा।

बचपन से परिवार-समाज में स्त्रियों का एक बहुत ही पावन रूप देखने को मिला। खुद भी उसी प्रजाति की थी इसलिए उनके प्रति संवेदनशीलता स्वाभाविक थी। लेकिन जब घर की चौखट से बाहर निकलकर दुनिया से रूबरू हुई तो स्त्रियों के कई घिनौने रूप सामने आये। सबसे पहली दुर्घटना जब सामने आई थी तब मैं महज़ 11 वर्ष की थी, पास ही के शहर में एक जेठानी (जो कि माँ नहीं बन सकती थी), ने अपनी देवरानी के नवजात शिशु को कुकर में डालकर उबाल दिया। आज भी जब इस घटना का ख़याल आता है तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं। कैसे कोई स्त्री ऐसा कर सकती है? हालांकि, अख़बार में सास द्वारा बहु, दहेज प्रताड़ना, जिंदा जलाने, या बहु द्वारा प्रताड़ित करने की खबरें आई दिन सुनने-पढ़ने मिलती रहती हैं।

कॉलेज के दौरान कुछ ऐसे रूप देखने को मिले जिनकी चर्चा अख़बारों में खबरें बनकर नहीं होती, जैसे कि महज़ अपने बड़े-बड़े खर्चे पूरे करने के लिए कोई लड़की किसी लड़के के दिल से खेल रही है। महज़ थोड़े से शारीरिक सुख के लिए कोई औरत किसी के जज्बातों से खेल रही है। किसी का दिल अपनी दोस्त के बॉयफ्रेंड पर आ गया तो उनके बीच गलतफहमी कराकर उनकी ज़िन्दगी बर्बाद करा दी। अकसर अपने पुरुष दोस्तों से सुनने को मिलता था कि “उसकी ज़िन्दगी में तो लड़की आ गयी अब वो किसी का सगा नहीं रहा”।

कुछेक साल पहले एक रिपोर्ट सामने आई थी कि मेरे गृहनगर के जिला न्यायलय में चल रहे 62 बलात्कार के केस में से सिर्फ 5 सच्चे हैं बाकि के 60 झूठे (अनुमानतः)। जब मुझे यह सुनने को मिला तो लगा कि किनके के लिए लड़ रहे हैं हम ? आखिर कैसे कोई लड़की ये कह सकती है कि उसके साथ बलात्कार हुआ है जबकि वो हुआ ही नहीं।

बलात्कार जैसे घिनौने कृत्य का शिकार कहलाना ही कितना दुखदायी होता है तो कोई उसके लिए झूठी कहानी कैसे रच सकता है। लेकिन ऐसा हो तो रहा है और इसी के चलते असली गुनहगारों को सजा नहीं मिल पाती। इसी के चलते पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट लिखाने आई लड़की से पुलिस यह कह पाती है कि “मिठाई खुद खायी जाये या ज़बरदस्ती खिलाई जाये लगती तो मीठी ही है”, इसी के चलते कई बेगुनाह गरीबों की ज़िन्दगी बर्बाद हो जाती है।

कॉलेज के दिनों का एक किस्सा जिसमें एक प्रेमी युगल ने भागकर शादी की और लड़की के घरवालों ने पकड़वाकर लड़के पर बलात्कार का आरोप लगा दिया। लड़की ने भी घरवालों के दवाब में आकर बयान दे दिया। लड़का जेल में रहा। बाद में जेल से तो छूट गया मगर मानसिक तकलीफ़ से नहीं छूट पाया और आत्महत्या कर ली।

इसके अलावा मेरे पिता जिस बैंक में कार्यरत थे उसकी की एक ब्रांच के मैनेजर किसानों से बैंक कर्जा वसूली के सालाना कार्यक्रम में थे। जब वे किसान के घर पहुँचे तो उसने मैनेजर को ससम्मान बैठाया और कहा कि आप रुकिए मैं पैसा लेकर आता हूँ। बहुत देर बाद जब वह वापस आया तो उसके साथ में पुलिस थी, जिसे वह किसान यह कहकर लाया था कि मैनेजर साब मेरी घरवाली को छेड़ रहे थे। बहुत ही ग़लत आरोप लगने की वजह से वह मैनेजर न केवल मानसिक हानि से गुज़रा बल्कि आत्महत्या कर ली।

इन घटनाओं की वजह से अक्सर ही स्त्रियों पर संदेह किया जाता है कि आरोप झूठा लगा रही है। एक स्त्री होकर मेरी सभी स्त्रियों से यही दरख्वास्त है कि कभी अपने अधिकारों का गलत इस्तमाल मत करना।

#Metoo के दौरान भी आप खुलकर बोल रही हैं। मैं आपके साथ हूँ। उस तकलीफ़ से गुज़री हूँ इसलिए समझ सकती हूँ कि हमारा बोलना कितना ज़रूरी है। मगर किसी पुरूष पर आरोप तभी लगाना जब वह वाक़ई दोषी हो, निजी दुश्मनी से उसे कटघरे में मत लाना। वह भी मनुष्य है, किसी का पुत्र, पिता या भाई है।

आपका एक ग़लत आरोप हमारी पूरी लड़ाई को खोखला बना सकता है।

(ये लेखक के निजी विचार है- स्वंत्रत लेखिका अंकिता जैन)