दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में आधार कार्ड की अनिवार्यता को लेकर साफ-साफ गाइडलाइंस जारी कर दी औऱ कहां आधार जरूरी होगा और कहां नहीं. इस बारे में भी स्पष्ट निर्देश दे दिए.

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद माना जा रहा है कि इससे छात्रों को बड़ी राहत मिलेगी. क्योंकि कोर्ट ने साफ कहा कि नीट, यूजीसी और सीबीएसई एग्जाम में बैठने के लिए आधार के रजिस्टर करने या आधार नंबर दर्ज करने की अनिवार्यता नहीं रहेगी.

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सीकरी ने इस बारे में साफ कहा था कि सीबीएसई, नीट औऱ यूजीसी परीक्षाओं में आधार की अनिवार्यता बेहद गलत है और वे ऐसा नहीं कर सकते. बच्चों के इनरोलमेंट या एडमिशन या परीक्षा देने में भी आधार की अनिवार्यता गलत है.

भले ही सुप्रीम कोर्ट का आदेश आ गया हो लेकिन इस बारे में सीबीएसई बोर्ड में अपने बच्चों को पढ़ा रहे पैरेंट्स में काफी भ्रम की स्थिति है. दरअसल, सीबीएसई बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी अपनी वेबसाइट पर इस बारे में अभिभावकों के लिए कोई एडवायजरी नहीं जारी की है. जिससे कि पैरेंट्स भ्रम में हैं.

हमने अभिभावकों के इसी भ्रम को दूर करने के लिए सीबीएसई के उच्चाधिकारियों से बात की जिनमें सीबीएसई के क्षेत्रीय अधिकारी से लेकर उप सचिव स्तर तक के अधिकारी शामिल थे. जब अभिभावकों में फैले इस भ्रम के बारे में हमने सीबीएसई के अधिकारियों से पूछा तो उन्होंने कहा कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन हर हाल में किया जाएगा. सीबीएसई बोर्ड के परीक्षा फार्म में भी आधार की अनिवार्यता खत्म की जाएगी व इस बारे में दिल्ली स्थित मुख्यालय में बैठकें की जा रही हैं औऱ बेहद जल्द साफ्टवेयर अपडेट कर सीबीएसई एग्जाम का फार्म भरने वाले छाओं को आधार नंबर देने की अनिवार्यता से मुक्त कर दिया जाएगा. अधिकारियों ने बताया कि इस बारे में जल्द ही सर्कुलर जारी होने की उम्मीद है. जिसे शीघ्र ही बोर्ड की वेबसाइट पर भी अपलोड कर दिया जाएगा.