सुप्रिया पांडेय, रायपुर। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 151 वीं जयंती पर Lalluram.com ने ठीक एक साल पहले ‘आओ गांधी को ढूंढें’ अभियान शुरू किया था. यह अभियान अब अपने पड़ाव पर पहुंचने को है. आपके द्वारा भेजी गई प्रविष्ठियों के आधार पर सम्मानीय ज्यूरी ने प्रदेश भर से चुनिंदा लोगों औऱ संस्थानों का चयन किया है. इनका आज समारोह में अभिनंदन किया जा रहा है. इसमें सीएम भूपेश बघेल समेत कई बड़े हस्ती हिस्सा ले रहे हैं.

इस दौरान सीएम भूपेश बघेल ने अपने संबोधन में कहा कि कि बांग्लादेश, अफगानिस्तान या पाकिस्तान की घटना कहें, हिंदुस्तान के विभिन्न राज्यों की घटना की बात करें, आज जो तनाव था, वो पहले भी रहा होगा, यदि नहीं होता तो गांधी जी ये बात नहीं कहते. इसलिए गांधी जी ने सत्य, अहिंसा प्रेम और सहिष्णुता की बात कही. इन बातों को कहने वाले गांधी प्रथम और अंतिम व्यक्ति भी नहीं थे, भगवान बुद्ध ने भी अहिंसा की बात कही, कृष्ण ने भी प्रेम की बात कही, गांधी जी ने उन बातों के आधार पर अपना जीवन जिया है, लेकिन आजकल लोग मुंह से कुछ और बोलते हैं करते कुछ और हैं, लेकिन गांधी जी ने अहिंसा का रास्ता कभी नहीं छोड़ा, काफी हमले भी हुए तब भी उन्होंने अहिंसा का मार्ग नहीं छोड़ा.

हमारी दृष्टि किसी भी क्षेत्र को देखने के लिए अलग नहीं होनी चाहिए, अफगानिस्तान की घटना पर पूरी दुनिया मौन है, क्या गांधी जी होते तो चुप रहते? आज सब ये मानकर चल रहे कि “मुझे क्या करना है” और जब खुद पर हमला हो जाए तो दूसरा कहेगा कि उसे क्या करना है.. गांधी जी का सूत्र ये भी था कि सर्वसम्मति से निर्णय ले. किसान आंदोलन की मांग किसी ने नहीं की, जबरन कानून बनाए जा रहे हैं, लेकिन किसानों के हित में छत्तीसगढ़ सरकार ने काम किया है.

मुख्यमंत्री ने केंद्र पर साधा निशाना कहा कि आपका व्यक्तित्व आपके कार्यों में दिखाई देता है, लखीमपुर में जो घटना घटी वो क्या है? लगातार आप हिंसा लोगों के दिमाग में डाल रहे, बुद्ध, कबीर और गांधी के देश में क्या ये संभव है?. गांधी जी अपने से विरोधियों के विचार को भी सम्मान देते थे, जो उनसे असहमत होते उनके पास चले जाते. सावरकर के पास भी वे दो बार गए, दोनों नेताओं ने आजादी की बात कही सावरकर ने हिंसा की बात कही, गांधी जी ने अहिंसा की बात कही, रत्नागिरी में जाकर गांधी जी उनसे मिले, चर्चा कर वे सहमत करवाए.

आपको आतंकवादी, देशद्रोही और धर्मविरोधी कहा जाएगा. तथाकथित बुद्धिजीवियों के दिमाग में ज्यादा जहर भरा हुआ है. लखीमपुर में कोशिश की गई थी कि सिख vs हिंदू किया जाए, लेकिन प्रियंका राहुल और मैने होने नहीं दिया. ऐसे ही कई उदाहरण और भी हैं, हजारों साल से हम एक साथ रहते आ रहे हैं. मोहन भगवात ने कहा था कि सबका DNA एक है और ऐसा है तो लड़ाई वाली बात कहां से आई,?

गांधी जी ने हर वर्ग को सम्मानित करने का काम किया, जिनको उनकी बात पसंद नहीं थी. उन्होंने ही उनकी हत्या कर दी, उसके पहले भी उन लोगों ने हत्या का प्रयास किया. आज मेहनत करने वालों को सम्मान देने की जरूरत है, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार में लोगों को अधिकार मिलना चाहिए. उस दौर में गांव वालों को किसी की जरूरत नहीं थी, उनके पास जेल और पुलिस भी नहीं थी, उसे फिर से पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है. इसलिए ग्राम स्वराज की जरूरत है, पूरा गांव स्वालंबी होना चाहिए.

सीएम ने कहा कि नक्सली से बड़ी समस्या छत्तीसगढ़ में कुपोषण है, पहली लड़ाई कुपोषण, गरीब और अशिक्षा के खिलाफ है. पूरे देश में मंदी है, लेकिन छत्तीसगढ़ में नहीं, क्योंकि छत्तीसगढ़ में किसानों और ग्रामीणों के हित में काम हो रहा है. छत्तीसगढ़ में कई नक्सली हमले हुए, सिलगेर की घटना में जवान लड़ते हुए उनके कब्जे में आ गए, छुड़ाने की बात हुई तो हमने गांधी विचारक धर्मपाल सैनी का चयन किया. उन्होंने नक्सलियों के बीच बैठकर नक्सलियों की गिरफ्त से जवान को छुड़वा लिया.

मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि गांधी के विचार और सिद्धांतों पर चलने वालों को ढूंढने की जरूरत है. ज्यादा प्रेरणा फिल्मों से आई. आज भी छत्तीसगढ़ में जो काम चल रहे हैं, सरकार की 80 प्रतिशत योजनाएं गांधी के विचारों पर आधारित है. किसानों के जेब में पैसे नहीं जाएंगे तो उनकी उन्नति किस प्रकार होगी. हमने कर्जमाफ किया, यूनिवर्सल पीडीएस सिस्टम लागू किया गया. सभी को राशनकार्ड से जोड़ा गया.

अकबर ने कहा कि गांधी जी की कल्पना गांव गरीब किसान रही, हमारी प्राथमिकता भी किसान है. देश में छत्तीसगढ़ पहला ऐसा राज्य जो 2500 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से धान खरीदी का काम करता है, लेकिन भारत सरकार इस तरह के कामों पर रोक लगाती है, लेकिन ग्रामीण और किसानों द्वारा किए गए वादे कांग्रेस पूरा कर रही है. किसानों की प्रगति ही प्राथमिकता है.

वहीं बालचंद कचवाहा ने कहा कि गांधी करुणा के प्रतिभूति थे, शांति की आवाज बने, लेकिन केंद्र सरकार किसानों पर कहर बरपा रही है. लखीमपुर में किसानों के ऊपर मंत्री के बेटे द्वारा गाड़ी चढ़ा दी जाती है, क्या ये वही गांधी का देश है? हिंदुस्तान को विश्व गुरु कहते हैं, लेकिन हिंदुस्तान में ये सब क्या हो रहा है?. जो बातें गीता में लिखी है, बिल्कुल उसी तरह से गांधी जी का जीवन गुजरा है.

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