दिल्ली. दिल्ली सरकार ने दिल्ली चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोला है. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का कहना है कि बीते करीब डेढ़ साल में दिल्ली के सात लाख वोटरों का नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया गया. इसे वोटर के मताधिकार की हत्या करार देते हुए सिसोदिया ने सवाल किया कि क्या भाजपा अब इस तरह से चुनाव जीतना चाहती है. सिसोदिया ने बताया कि इस बारे में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय चुनाव को पत्र लिखा है. मुख्यमंत्री ने चुनाव आयोग से मुलाकात का समय मांगा है.
मनीष सिसोदिया ने बताया कि मुख्यमंत्री को लंबे समय से इस बारे में शिकायतें मिल रही थीं. बीते दिनों सैंपल के तौर पर मुख्यमंत्री ने नौ मामलों की जांच कराई. इसमें चुनाव कार्यालय के अधिकारियों ने माना कि उनसे गलती हुई है. इनका नाम दुबारा वोटर लिस्ट से जोड़ने की प्रक्रिया चल रही है.
मनीष सिसोदिया ने बताया कि पूरी दिल्ली से करीब सात लाख लोगों का नाम गलत तरीके से वोटर लिस्ट से निकाल दिया गया. इस दौरान जमीन पर काम करने वाले आयोग के कर्मियों ने बुनियादी नियमों तक का पालन नहीं किया. सिसोदिया ने इस तरह वोट काटने के मामलों को लोकतंत्र के लिए खतरा है. उन्होंने पूरे मामले की जांच की मांग की है.
उधर, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मुख्य चुनाव आयुक्त को चिट्ठी लिखकर मिलने का समय मांगा है. इस दौरान नाम काटने में हुई धांधलियों के बारे में आयुक्त से चर्चा की जाएगी. वहीं, जिन नामों को निकाला गया है, उसे दुबारा जुड़वाने की प्रक्रिया की बात की जाएगी.