स्कूल फीस रेगुलेशन बिल पर बुधवार को विधानसभा में तो चर्चा नहीं हो पाई, लेकिन सदन से बाहर आम आदमी पार्टी ने इस मुद्दे को उठाते हुए बिल को पैरंट्स के हितों के खिलाफ बताया। साथ ही उसमें चार अहम संशोधनों की मांग भी की। उन्होंने कहा कि हमने बिल में स्कूलों का ऑडिट करने का प्रावधान करने की मांग की है, जिस पर पेरेंट्स 15 दिनों में अपने सुझाव देंगे और उसी आधार पर कमेटी फीस तय करेगी।

वह पेरेंट्स के साथ हैं या प्राइवेट स्कूलों के साथ हैं

विधानसभा में विपक्ष की नेता आतिशी ने विधायक कुलदीप कुमार और संजीव झा के साथ पार्टी दफ्तर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि AAP विधायक दल ने पेरेंट्स के हक में बिल में संशोधन के प्रस्ताव दिए हैं। अब BJP को तय करना है कि वह किसके साथ है? BJP विधायक इन प्रस्तावों पर किसके पक्ष में वोट करते हैं, उससे साफ हो जाएगा कि वह पेरेंट्स के साथ हैं या प्राइवेट स्कूलों के साथ हैं।

बिल को पेरेंट्स के हितों के खिलाफ बताया

उन्होंने कहा कि हमने बिल में स्कूलों का ऑडिट करने का प्रावधान करने की मांग की है, जिस पर पेरेंट्स 15 दिनों में अपने सुझाव देंगे और उसी आधार पर कमेटी फीस तय करेगी। इसके अलावा स्कूल की कमेटी में 5 की जगह 10 पैरंट्स को चुनाव के जरिए शामिल करने, 15 फीसदी की जगह 15 पैरंट्स की शिकायत पर कार्रवाई करने और कमेटी के फैसले के खिलाफ कोर्ट जाने का अधिकार देने को लेकर बिल में संशोधन भेजे हैं। संजीव झा ने कहा कि हम सदन में इस पर विस्तार से चर्चा करेंगे और डिवीजन वोट की मांग भी करेंगे।

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