नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी ने छत्तीसगढ़ के अलावा मध्यप्रदेश और राजस्थान में दमखम दिखाते हुए शिद्दत से प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन चुनाव परिणाम आने के बाद पार्टी का हश्र लोगों के सामने है. तीनों राज्यों में आप ने 215 प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे थे. इनमें से एक भी प्रत्याशी ने जीत दर्ज नहीं की, उल्टे जमानत जब्त करवा बैठे. आम आदमी पार्टी को इन राज्यों में नोटा से भी कम मत मिले.
आम आदमी पार्टी ने राजस्थान की 200 सीटों में से 88, मध्य प्रदेश की 230 सीटों में से 70 उम्मीदवार उतारे थे, वहीं छत्तीसगढ़ में 90 सीटों में से 57 उम्मीदवार चुनावी दंगल में उतारे थे. तीनों राज्यों में से किसी भी राज्य पार्टी एक प्रतिशत का आंकड़ा भी पार नहीं कर सकी. खास बात यह है कि तीनों राज्यों में उसका मत प्रतिशत नोटा से भी कम रहा.
आप को छत्तीसगढ़ में पार्टी को 0.94 प्रतिशत मत प्राप्त हुए है, वहीं मध्य प्रदेश में 0.51 प्रतिशत और राजस्थान में 0.38 प्रतिशत तक मत मिले है. जबकि नोटा का बटन छत्तीसगढ़ में 1.27 प्रतिशत, मध्य प्रदेश में 0.99 प्रतिशत और राजस्थान में 0.96 प्रतिशत लोगों ने दबाया.
बता दें कि आम आदमी पार्टी तीनों राज्यों में पूरे दमखम से चुनाव लड़ी थी. आप संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कई रैली और रोड शो किए थे. इस दौरान उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाई थीं, और दिल्ली व पंजाब जैसी सुविधा तीनों राज्यों में देने का वादा किया था. लेकिन चुनाव परिणाम बताते हैं कि जनता ने उनपर भरोसा नहीं किया.
आप ने दी भाजपा को बधाई
आम आदमी पार्टी ने तीन राज्यों में मिली जीत पर भाजपा को बधाई दी है. इसके साथ ही कहा कि भाजपा को अपने वादों पर खरा उतरना चाहिए. आप को उम्मीद है कि भाजपा ‘मुख्यमंत्री लाडली बहना आवास योजना’ के तहत घर उपलब्ध कराएगी. साथ ही 450 रुपए में रसोई गैस उपलब्ध कराएगी. हमारी मांग है कि सस्ती एलपीजी पूरे देश के लिए उपलब्ध करायी जानी चाहिए और इसे तीन राज्यों तक ही सीमित नहीं रखा जाना चाहिए. वहीं तेलंगाना में जीत के लिए आप ने कांग्रेस को बधाई दी है.