दिल्ली सरकार ने पिछले 5 वर्षों से दिल्ली हाईकोर्ट को वादा किया है कि अगले सत्र से राजधानी के सभी सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को मुफ्त वर्दी दी जाएगी. सरकार ने कहा कि 10 लाख बच्चे इस सुविधा से वंचित हैं, इसलिए सत्र 2025-26 के शुरू होने से 1 माह पहले से छात्रों को वर्दी देनी शुरू कर दी जाएगी.
दिल्ली सरकार का अतिरिक्त शिक्षा निदेशक, जिसे दिल्ली शिक्षा निदेशालय कहा जाता है, न्यायमूर्ति रेखा पल्ली और न्यायमूर्ति सौरभ बनर्जी के समक्ष पेश हुआ. उन्होंने पीठ को बताया कि अगले सत्र से छात्रों को वर्दी पहनाने की योजना बनाई गई है. याचिकाकर्ता गैर सरकारी संगठन जस्टिस फॉर ऑल के अधिवक्ता खगेश बी झा ने कहा कि सरकार और शिक्षा निदेशालय ने 2019 से हर साल यही वादा किया है, लेकिन छात्रों को वर्दी नहीं मिली.
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पीठ के सामने पेश अभिभावकों ने कहा कि निजी स्कूलों से बच्चों को मुफ्त वर्दी और लेखन सामग्री नहीं मिल रही है. पीठ ने निजी स्कूलों और अभिभावकों से इस मामले में अपना-अपना हलफनामा देने को कहा. साथ ही, दिल्ली सरकार के स्थायी वकील संतोष त्रिपाठी ने कहा कि चार सप्ताह के भीतर निजी स्कूलों को प्रतिपूर्ति के रूप में दी जा रही वर्दी और अन्य उपकरणों की राशि की जानकारी हलफनामें के रूप में देनी चाहिए.
2013 में, खगेश बी झा, एक गैर सरकारी संगठन, जस्टिस फॉर ऑल, ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक अवमानना याचिकादायर की, जिसमें सरकारी और निजी स्कूलों के ईडब्ल्यूएस श्रेणी के छात्रों को मुफ्त वर्दी नहीं मिलने का मुद्दा उठाया गया था. सरकार ने जल्द ही वर्दी देने का वादा किया था, लेकिन 2018 तक वर्दी नहीं देने पर दिल्ली सरकार के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की गई है.
10 लाख से अधिक विद्यार्थी वंचित
याचिका के अनुसार, दिल्ली सरकार और निजी स्कूलों में कम आय वर्ग (EWS) के तहत पढ़ रहे लगभग 10 लाख छात्रों को पिछले 10 साल से मुफ्त वर्दी नहीं दी गई है.
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