नई दिल्ली . पूर्वी दिल्ली के बच्चों के निजी अस्पताल में आग लगने की घटना पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने अस्पताल में आग के बारे में चर्चा के लिए आज हाईलेवल बैठक बुलाई है. बैठक में बढ़ती गर्मी को लेकर भी चर्चा होगी. दरअसल, रविवार को बताया कि विवेक विहार के न्यू बोर्न बेबी केयर अस्पताल में शनिवार रात आग लगने से 7 नवजात बच्चों की मौत हो गई थी और 5 अन्य घायल हो गए थे.
सोमवार को अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यह बैठक दिल्ली सचिवालय में होगी. इसमें स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित रहेंगे. उन्होंने कहा कि बैठक में भीषण गर्मी के हालात पर भी चर्चा की जाएगी.
बेबी केयर अस्पताल के लाइसेंस की अवधि समाप्त हो जाने और अग्निशमन विभाग से मंजूरी नहीं मिलने के बाद अवैध रूप से संचालित किया जा रहा था. पुलिस ने अस्पताल के मालिक डॉ. नवीन किची और डॉ. आकाश को गिरफ्तार कर लिया है. डॉ. आकाश अस्पताल में आग लगने की घटना के वक्त ड्यूटी पर थे.
अस्पताल का लाइसेंस हो गया था खत्म, फायर NOC भी नहीं था
पुलिस ने रविवार को अब तक की जांच में यह बात सामना आई है कि अस्पताल को लाइसेंस की अवधि समाप्त होने के बावजूद संचालित किया जा रहा था. पुलिस ने बताया कि अस्पताल में योग्य डॉक्टर भी नहीं थे और इसके पास फायर की एनओसी भी नहीं थी.
DCP (शाहदरा) सुरेंद्र चौधरी ने कहा, ‘‘दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय द्वारा ‘बेबी केयर न्यू बोर्न चाइल्ड हॉस्पिटल’ को जारी किया गया लाइसेंस 31 मार्च को ही समाप्त हो चुका है.’’
अस्पताल को केवल 5 बेड्स की थी अनुमति
उन्होंने कहा, ”यहां तक कि उक्त अस्पताल को जारी किया गया लाइसेंस भी केवल 5 बेड्स की ही अनुमति देता है. DCP ने कहा कि जांच के दौरान, हमें पता चला कि इस अस्पताल के डॉक्टर गहन देखभाल की आवश्यकता वाले नवजात शिशुओं के इलाज के लिए योग्य/सक्षम नहीं हैं, क्योंकि वे केवल BAMS डिग्री धारक हैं.’’
पुलिस ने कहा कि अस्पताल में आग लगने की स्थिति से निपटने के लिए वहां कोई अग्निशामक यंत्र नहीं लगाया गया था और इसके अलावा किसी भी अप्रिय घटना की स्थिति में अस्पताल में कोई आपातकालीन निकास भी नहीं था. इस बीच, अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि अस्पताल ने विभाग से कोई NOC नहीं ली है.
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