आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bhardwaj) ने बीजेपी पर कड़ा प्रहार किया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के मंत्री कपिल मिश्रा (Kapil Mishra)ने 12 जुलाई को एक ट्वीट में आरोप लगाया कि शहादरा में शरारती तत्वों ने कांवड़ मार्ग पर एक किलोमीटर तक कांच के टुकड़े फैला दिए. हालांकि, पुलिस की जांच में यह स्पष्ट हुआ कि यह घटना 10 जुलाई को हुई थी, जब एक वाहन ने ई-रिक्शा को टक्कर मारी, जिससे कांच के टुकड़े सड़क पर बिखर गए. इसी तरह का एक ट्वीट उपराज्यपाल ने भी किया. इसलिए, सौरभ भारद्वाज ने मांग की है कि दिल्ली में साम्प्रदायिक तनाव उत्पन्न करने के प्रयास के लिए कपिल मिश्रा और उपराज्यपाल के खिलाफ FIR दर्ज की जानी चाहिए.
कभी कांवड़ को लेकर सांप्रदायिक तनाव की बात नहीं सुनी
दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने सोमवार (14 जुलाई) को चौधरी मतीन अहमद और विधायक संजीव झा के साथ पार्टी मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि पिछले 30 वर्षों से दिल्ली में लाखों कांवड़िए गंगा जल लेकर अपने गांवों और कॉलोनियों में जाते हैं और भोलेनाथ पर चढ़ाते हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि कांवड़ यात्रा के दौरान कभी भी हिंदू-मुस्लिम विवाद की कोई घटना नहीं सुनी गई है. विशेष रूप से पूर्वी दिल्ली के कई मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में भी कांवड़ यात्रा को लेकर सांप्रदायिक तनाव की कोई बात नहीं आई है.
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BJP सरकार में यह पहली कांवड़ यात्रा
सौरभ भारद्वाज ने बताया कि 27 वर्षों के बाद बीजेपी दिल्ली की सत्ता में आई है, और यह सरकार की पहली कांवड़ यात्रा है. दिल्ली सरकार के कानून मंत्री कपिल मिश्रा ने 12 जुलाई की रात लगभग 9:30 बजे एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने बताया कि शहादरा में कुछ असामाजिक तत्वों ने कांवड़ यात्रा के मार्ग पर लगभग एक किलोमीटर तक कांच के टुकड़े फैला दिए हैं. पीडब्ल्यूडी और निगम के कर्मचारी मार्ग को साफ कर रहे हैं, और स्थानीय विधायक संजय गोयल भी मौके पर मौजूद हैं. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस घटना का संज्ञान लिया है, और पीडब्ल्यूडी द्वारा शरारती तत्वों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी, ताकि कांवड़ यात्रा में कोई बाधा न आए.
नेता ने बताया कि 13 जुलाई को शाम 4:04 बजे एलजी ने एक वीडियो के साथ ट्वीट किया, जिसमें कहा गया कि कांवड़ यात्रियों के मार्ग पर एक किलोमीटर तक कांच बिखरा हुआ पाया गया है. उन्होंने पुलिस को तुरंत मौके पर पहुंचने का निर्देश दिया और पीडब्ल्यूडी को मार्ग की सफाई का आदेश दिया. सड़क को दो घंटे के भीतर साफ कर दिया गया है. पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है और क्राइम ब्रांच जांच कर रही है.
‘वाहन के टक्कर मारने से कांच टूटकर सड़क पर बिखर गया’
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मंत्री कपिल मिश्रा और एलजी के ट्वीट से ऐसा प्रतीत होता है कि घटना हाल ही में हुई है और सड़क की सफाई का कार्य चल रहा है. हालांकि, दिल्ली पुलिस ने स्पष्ट किया कि यह घटना 12 जुलाई की नहीं, बल्कि 10 जुलाई की है. 10 जुलाई को चिंतामणि चौक से झिलमिल मेट्रो स्टेशन तक एक ई-रिक्शा चालक 19 ग्लास लेकर जा रहा था, जो गाड़ियों की विंडशील्ड में लगते हैं. अचानक पीछे से किसी वाहन ने टक्कर मार दी, जिससे कांच सड़क पर बिखर गया. इस घटना का वीडियो 10 जुलाई को मोंटू नामक व्यक्ति ने बनाया और नंदनगरी के पीयूष को भेजा. 12 जुलाई को इस वीडियो को दिखाकर तनाव उत्पन्न करने का प्रयास किया गया. यह कांच छोटे-छोटे टुकड़ों में टूटता है, जिनमें कोई तेज कोना नहीं होता. इसका उद्देश्य यह है कि दुर्घटना के समय किसी को चोट न लगे. यदि चोट लगने की संभावना होती, तो राष्ट्रीय राजमार्ग पर सैकड़ों वाहन पंचर हो जाते और ट्रैफिक जाम लग जाता. दिल्ली के कानून मंत्री कपिल मिश्रा ने यह कदम केवल दिल्ली में सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने के लिए उठाया है.
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एलजी ने ट्वीट किया, लेकिन संभव है कि उन्हें पूरी जानकारी न हो. 13 जुलाई को शाम 6:30 बजे पुलिस ने मीडिया को स्पष्ट किया कि यह घटना 10 तारीख की थी और 12 तारीख की सुबह तक सड़क साफ हो चुकी थी. ऐसे में कपिल मिश्रा और एलजी को यह नहीं कहना चाहिए था कि गलत जानकारी दी गई? यह कोई साम्प्रदायिक मामला नहीं है, बल्कि एक साधारण ई-रिक्शा दुर्घटना थी, जिसके बाद कांच बिखर गया और वह 1 किलोमीटर तक फैल गया. फिर भी इसे इस तरह पेश किया गया जैसे कि जानबूझकर कांवड़ियों के रास्ते पर कांच बिखेरा गया हो. बीजेपी दिल्ली में क्या करना चाह रही है? क्या कपिल मिश्रा और एलजी के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं होनी चाहिए, जो दिल्ली में सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा दे रहे हैं? 12 जुलाई को कपिल मिश्रा और 13 जुलाई को एलजी द्वारा किए गए ट्वीट के बाद, यह जानकारी विभिन्न माध्यमों से पूरे देश में फैल गई, जिससे उस क्षेत्र में तनाव उत्पन्न हुआ, क्योंकि कांवड़ यात्रा में बाधा डाली गई. यह एक अत्यंत शर्मनाक स्थिति है.
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि कपिल मिश्रा वही व्यक्ति हैं, जिन्होंने 2020 में भड़काऊ भाषण देकर दंगे भड़काने का प्रयास किया. जब हाई कोर्ट के जस्टिस मुरलीधर ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया, तो उसी रात उनका तबादला कर दिया गया. यह कपिल मिश्रा की पृष्ठभूमि को दर्शाता है. एलजी एक संवैधानिक पद पर हैं, और यदि उनकी मंशा स्पष्ट होती, तो वे अपने ट्वीट का जवाब देते हुए बताते कि यह केवल एक छोटा ई-रिक्शा एक्सीडेंट था. लेकिन न तो कपिल मिश्रा ने ऐसा किया और न ही एलजी ने, जो उनकी वास्तविक मंशा को उजागर करता है.
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हम रोज कांवड़ियों की सेवा करते हैं
पूर्व विधायक चौधरी मतीन अहमद ने बताया कि उन्होंने 1993 में पहली बार विधायक का पद संभाला. उन्होंने देखा कि जब कांवड़िए मुस्लिम इलाकों से गुजरते थे, तो वे जोर-जोर से हर-हर महादेव के नारे लगाते थे. इस स्थिति को देखते हुए, 1994 में उन्होंने सेवा कैंप स्थापित करने की शुरुआत की. रोड नंबर 66 पर, यमुना विहार से सीलमपुर तक, उनके वॉलंटियर्स आज भी सक्रिय हैं. तब से लेकर अब तक किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना नहीं हुई है. वे प्रतिदिन कांवड़ियों की सेवा करते हैं और उनके नाम से पांच कैंप संचालित होते हैं.
हिंदू भाइयों से हमारा हमेशा भाईचारा रहा
पूर्व विधायक ने कहा कि आप सरकार ने चार नए कैंप स्थापित किए हैं. उन्होंने यह भी बताया कि हिंदू समुदाय के साथ उनका हमेशा भाईचारा बना रहा है. बीजेपी के बारे में उन्होंने कहा कि उनका मुख्य मुद्दा हिंदू-मुस्लिम के बीच विभाजन करना है. कोली पुल पर जो कैंप लगाया गया, वह भी उनकी पहल से हुआ. दिल्ली में हमने अपने प्रयास से 20 कैंप स्थापित किए हैं. उन्हें हिंदू और मुस्लिम के बीच कोई भेदभाव नहीं दिखाई देता. उन्होंने यह सवाल उठाया कि इस कांच वाली घटना को क्यों बढ़ावा दिया जा रहा है. उनका उद्देश्य कांवड़ियों के लिए सड़क को साफ करना और उनके लिए कारपेट बिछाना है. उन्हें नहीं लगता कि यह जानबूझकर किया गया है; यह एक दुर्घटना हो सकती है, लेकिन इसे सांप्रदायिक रंग देना उचित नहीं है.
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