चंडीगढ़। पंजाब में जल्द ही राज्यसभा चुनाव होने वाले हैं. वहीं आम आदमी पार्टी की ऐतिहासिक जीत ने संसद में पार्टी की भागीदारी को बढ़ा दिया है. चुनाव आयोग ने पंजाब में राज्यसभा की 7 सीटों में से 5 सीटों के लिए अधिसूचना जारी कर दी है. 31 मार्च को चुनाव है और 21 मार्च को नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख है. ऐसे में पंजाब से आप ने तीन उम्मीदवारों के नाम तय कर लिए हैं. क्रिकेटर हरभजन सिंह के बारे में कल ही नाम तय किए जाने की जानकारी मिली थी. अब एक अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, पार्टी के दिल्ली के विधायक राघव चड्ढा और दिल्ली आईआईटी के प्रोफेसर संदीप पाठक को राज्यसभा उम्मीदवार बनाए जाने की बात हो रही है.
पंजाब में ऐतिहासिक जीत के बाद बढ़ा राघव चड्ढा का पार्टी में कद
क्रिकेटर हरभजन सिंह बेहद लोकप्रिय हैं. वे पंजाब से मजबूत कैंडिडेट हो सकते हैं. वहीं राघव चड्ढा काफी समय से पार्टी की मदद कर रहे हैं और पार्टी की अंदर उनकी तरक्की तेजी से हुई है. फिलहाल वे दिल्ली से विधायक हैं. पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए राघव चड्ढा को पार्टी इंचार्ज बनाया गया था. राघव चड्ढा अपनी जिम्मेदारी में पूरी तरह पास हुए हैं और इस चुनाव में 117 सीटों में से 92 सीट आप के खाते में गई हैं, जिससे उनका कद पार्टी में बढ़ा है और उन्हें पुरस्कार के रूप में राज्यसभा भेजा जा सकता है. हालांकि अभी तीनों ही नामों की औपचारिक घोषणा नहीं हुई है.
कौन हैं दिल्ली IIT के प्रोफेसर संदीप पाठक ?
वहीं पंजाब में आप को मिली ऐतिहासिक जीत के बाद एक और नाम उभरकर सामने आ रहा है और वो है दिल्ली IIT के प्रोफेसर संदीप पाठक का. जो रिपोर्ट्स सामने आ रही है, उसके मुताबिक संदीप पाठक ने पंजाब में रहकर रणनीतिक तौर पर बड़ा काम किया है. बीबीसी की एक रिपोर्ट में संदीप का नाम आम आदमी पार्टी के पंजाब के खास रणनीतिकार के तौर पर लिया गया. बाद में पता करने पर मालूम चला कि संदीप कई सालों से पंजाब में रणनीति रचने में खास भूमिका निभाने का काम कर रहे थे. आम आदमी पार्टी के सूत्रों ने ज्यादा कुछ तो नहीं बताया, लेकिन उन्होंने ये माना कि संदीप उनसे जुड़े हुए हैं और उन्होंने पंजाब में आप के लिए काम किया है. उनकी भूमिका पर्दे के पीछे रहकर चुपचाप काम करने वाले शख्स की रही है.
संदीप पाठक हैं IIT ग्रेजुएट और लंदन रिटर्न
संदीप पाठक दिल्ली आईआईटी से जुड़े रहे हैं. वो कुछ बरसों के लिए लंदन में रहे हैं. उन्होंने लंदन कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से जुड़कर अपनी पीएचडी का काम पूरा किया था. इसके बाद वो कुछ और जगहों से भी जुड़े. बाद में वे भारत लौट आए. वे राजनीतिक रणनीतिकार और आईपैक के संस्थापक प्रशांत किशोर के साथ भी काम कर चुके हैं. उन्होंने सोशल मीडिया से दूरी बनाकर रखी. आमतौर पर उन्होंने मुख्य मीडिया से भी मिलने-जुलने परहेज किया. इस टीम ने पंजाब को 5 जोन में बांटकर काम करना शुरू किया. इनकी टीम ने मतदाताओं के मूड को भांपा, तो उम्मीदवारों को चुनने के मामले में भी आलाकमान को लगातार सलाह दी. टिकट देने पर नाराजगी नहीं फैले, उसके लिए क्या किया जा सकता है, उसे लेकर भी दिल्ली के आलाकमान को संपर्क में रखा. कहा जाता है कि चुनाव से पहले पंजाब में सीएम चेहरे के तौर पर मान के नाम की घोषणा के लिए उन्होंने आलाकमान को सुझाव दिए थे. जिसे बाद में दिल्ली के नेतृत्व ने माना भी.
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