आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह(Sanjay Singh) ने रूस से सस्ते तेल की खरीद के बावजूद भारत में पेट्रोल और डीजल की ऊंची कीमतों पर सरकार को आलोचना का निशाना बनाया है. उन्होंने कहा कि जब रूस से कच्चा तेल सस्ते दामों पर मिल रहा है, तो भारतीय उपभोक्ताओं को भी इसका लाभ मिलना चाहिए. फिर भी, देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें 95 से 104 रुपए प्रति लीटर के बीच बनी हुई हैं.

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संजय सिंह ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रम्प ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है. उन्होंने यह भी बताया कि हम लगातार भारत सरकार से अपेक्षा कर रहे हैं कि वह देश के व्यापारिक हितों को ध्यान में रखते हुए ठोस कदम उठाए. अमेरिका को एक स्पष्ट संदेश भेजने की आवश्यकता है, लेकिन दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं हो रहा है.

दुनिया ने रूस से तेल खरीदना किया बंद

नेता ने बताया कि रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद वैश्विक स्तर पर रूस से तेल और अन्य वस्तुओं की खरीद में कमी आई, लेकिन भारत ने सस्ते तेल के कारण रूस से खरीद जारी रखने का निर्णय लिया. उन्होंने उल्लेख किया कि अंबानी की रिलायंस कंपनी ने रूस से बड़ी मात्रा में कच्चा तेल खरीदा है और जनवरी 2025 में एक समझौता किया है, जिसके तहत रिलायंस ग्रुप प्रतिदिन 5 लाख बैरल कच्चा तेल रूस से प्राप्त करेगा. यह कच्चा तेल जामनगर स्थित रिफाइनरी में प्रोसेस किया जाएगा.

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देश के किसानों और आम लोगों को क्या फायदा हुआ?

संजय सिंह ने यह सवाल उठाया कि कच्चे तेल की खरीद से देश के किसानों और आम जनता को क्या लाभ हुआ है. उन्होंने सरकार से मांग की कि वह आंकड़ों के साथ स्पष्ट करे कि रूस से कितना सस्ता तेल खरीदा गया और इसका आम जनता को कितना फायदा हुआ. इसके बावजूद, इस पर कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया गया. संजय सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी का उद्देश्य केवल अडानी और अंबानी जैसे उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाना है.

6 माह में 231 मिलियन बैरल कच्चा तेल रूस से खरीदा

संजय सिंह ने बताया कि भारत ने पिछले छह महीनों में रूस से 231 मिलियन बैरल कच्चा तेल खरीदा, जिसमें से रिलायंस ग्रुप ने अकेले 77 मिलियन बैरल का योगदान दिया. अन्य सभी भारतीय कंपनियों ने मिलकर शेष तेल की खरीदारी की. रिलायंस ग्रुप ने जामनगर स्थित रिफाइनरी में इस कच्चे तेल को रिफाइन करके डीजल और पेट्रोल का उत्पादन किया, जिससे यह संभव था कि भारतीय जनता को सस्ते दामों पर ईंधन उपलब्ध कराया जा सके.