दिल्ली विधानसभा चुनाव के समय भाजपा ने महिलाओं को 2500 रुपए देने और हर साल होली तथा दिवाली पर मुफ्त सिलेंडर देने का आश्वासन दिया था. होली में केवल 3 दिन बचे हैं, ऐसे में आम आदमी पार्टी ने भाजपा को मुफ्त सिलेंडर के वादे की याद दिलाते हुए उसे घेरने का प्रयास किया है. पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा महिलाओं को हर महीने 2500 रुपए देने की गारंटी को जुमला करार देते हुए यह सवाल उठाया है कि क्या होली पर मुफ्त सिलेंडर का वादा भी जुमला साबित होगा.

आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि दिल्ली की महिलाएं पार्टी कार्यालय आकर पूछ रही हैं कि होली में केवल तीन दिन बचे हैं, ऐसे में मुफ्त गैस सिलेंडर कब मिलेगा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी ने 8 मार्च तक महिलाओं को 2500 रुपये देने का आश्वासन दिया था, लेकिन इसका रजिस्ट्रेशन अभी तक शुरू नहीं हुआ है. इसके अलावा, बीजेपी ने होली और दिवाली पर एक गैस सिलेंडर मुफ्त देने का वादा किया था, और अब महिलाएं उस वादे का भी इंतजार कर रही हैं.

राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान पर, जेपी नड्डा ने किया पलटवार,कहा- आप ट्रेनिंग लें,आपको…

आतिशी ने पहले 2500 रुपए की योजना पर बीजेपी को आलोचना करते हुए कहा था कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर दिल्ली की लाखों महिलाएं अपने फोन में 2500 रुपए के आने का संदेश पाने की उम्मीद में रहीं, लेकिन भाजपा की सरकार ने उन्हें पैसे नहीं दिए.

आतिशी ने बताया कि दिल्ली विधानसभा चुनाव से पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली की महिलाओं से यह आश्वासन दिया था कि 8 मार्च को हर महिला के बैंक खाते में ढाई हजार रुपए जमा किए जाएंगे. उन्होंने महिलाओं को यह सलाह भी दी कि वे अपने बैंक खातों को अपने मोबाइल फोन से लिंक करवा लें, क्योंकि 8 मार्च को उन्हें सूचनाएं प्राप्त होंगी कि उनके खातों में ढाई हजार रुपए आ गए हैं. आज 8 मार्च है, और दिल्ली की महिलाएं इस बात का इंतजार कर रही हैं कि कब उनके खातों में 2500 रुपए आएंगे और कब उनके फोन पर संदेश आएगा.

दिल्ली सरकार ने सेवा विभाग ने 3 अधिकारियों के किए तबादले, तुरंत कार्यभार संभालने के आदेश जारी

आतिशी ने कहा कि आज भाजपा की दिल्ली सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया कि यह मोदी की गारंटी नहीं थी, बल्कि केवल एक बयान था. आठ मार्च को दिल्ली की महिलाओं के खातों में ढाई हजार रुपए नहीं आए और न ही उन्हें कोई योजना प्राप्त हुई. यहां तक कि एक पंजीकरण पोर्टल भी उपलब्ध नहीं था, जहां महिलाएं अपने नाम, खाते और आधार कार्ड की जानकारी भर सकें. आठ मार्च को दिल्ली की महिलाओं को 2500 रुपए के बजाय एक चार सदस्यीय समिति का गठन किया गया.