आम आदमी पार्टी (AAP) ने फरीदाबाद के अनंगपुर में चल रहे ध्वस्तीकरण अभियान के खिलाफ 13 जुलाई को आयोजित होने वाली महापंचायत का समर्थन करने की घोषणा की है. पार्टी ने दिल्ली देहात के 360 गांवों के युवाओं से अपील की है कि वे अधिक से अधिक संख्या में अनंगपुर की महापंचायत में भाग लें. AAP के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हम दिल्ली के सभी 360 गांवों के युवाओं, विशेषकर युवा पीढ़ी से, 13 जुलाई को अनंगपुर में होने वाली महापंचायत में भाग लेने की अपील करते हैं. हम मिलकर सरकार की कार्रवाई का विरोध करने के लिए एक समन्वित रणनीति तैयार करेंगे.

सौरभ भारद्वाज ने इस अवसर पर दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में एमसीडी और डीडीए द्वारा भेजे गए नोटिस और ध्वस्तीकरण के मुद्दे को उठाया. उन्होंने हरियाणा और दिल्ली की कार्रवाई के बीच संबंध स्थापित करने की बात की.

‘AAP’ नेता ने आरोप लगाया कि सरकार ने पहले ही उनकी जमीनों का अधिग्रहण कर लिया है और अब जो थोड़ी-बहुत जमीनें बची हैं, उन्हें भी जबरन छीनने का प्रयास कर रही है. उन्होंने इस कार्रवाई का विरोध करते हुए बताया कि 13 जुलाई को अनंगपुर में आयोजित होने वाली सर्व समाज की महापंचायत में आम आदमी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल भी शामिल होगा. इसके साथ ही, उन्होंने ‘आप’ के सभी कार्यकर्ताओं से अनंगपुर पहुंचने की अपील की है.

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वन विभाग की कार्रवाई के बाद अनंगपुर के ग्रामीण पिछले 10 दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस स्थिति का समाधान निकालने के लिए, अनंगपुर संघर्ष समिति ने 13 जुलाई को एक महापंचायत आयोजित करने का निर्णय लिया है.

हाल ही में, फरीदाबाद नगर निगम ने वन विभाग के सहयोग से संरक्षित अरावली पहाड़ियों में अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई की. इस अभियान के तहत कई फार्महाउस और अवैध ढांचे ध्वस्त किए गए. अधिकारियों ने बताया कि आनंद वन से अरावली तक की सड़क पर बने करोड़ों रुपये के अवैध फार्महाउसों को नष्ट कर दिया गया, जिससे लगभग 10 एकड़ भूमि को मुक्त कराया गया.

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सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चल रहा ध्वस्तीकरण अभियान

फरीदाबाद के उपायुक्त विक्रम यादव ने हाल ही में बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार ध्वस्तीकरण अभियान चलाया जा रहा है. शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया है कि अरावली क्षेत्र से सभी अवैध निर्माणों को हटाया जाए और इस प्रक्रिया की प्रगति पर जुलाई 2025 तक एक रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए. अधिकारियों के अनुसार, अरावली वन क्षेत्र में 6,793 से अधिक छोटे और बड़े अवैध निर्माणों की पहचान ड्रोन सर्वे के माध्यम से की गई है, जिन्हें हटाने की योजना बनाई गई है.

सुप्रीम कोर्ट ने अवैध निर्माणों को हटाने के लिए तीन महीने का समय निर्धारित किया है. वन विभाग ने पहले भी कुछ क्षेत्रों से अवैध निर्माणों को हटाया था, लेकिन अब एक बार फिर से ध्वस्तीकरण अभियान शुरू किया गया है. एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, अरावली क्षेत्र के चार गांवों—अनंगपुर, लक्कड़पुर, अनखीर और मेवाला महाराजपुर—के पास स्थित अवैध निर्माणों को गिराने की प्रक्रिया जारी रहेगी.