नई दिल्ली . आम आदमी पार्टी जल्द दिल्ली सहित अन्य राज्यों में लोगों के बीच जाकर पूछेगी कि गिरफ्तारी की स्थिति में मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए या फिर जेल से ही कामकाज करना चाहिए.
दरअसल, कथित शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के नोटिस के बाद से आम आदमी पार्टी को आशंका है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जेल भेजा जा सकता है. इसको लेकर मुख्यमंत्री लगातार पार्टी नेताओं व पदाधिकारियों के साथ बैठक कह रहे हैं.
सीएम ने मंगलवार को पार्षदों के साथ बैठक की. इसमें पार्षदों ने अनुरोध किया कि जेल जाने की स्थिति में वे इस्तीफा न दें. जेल से ही कामकाज देखें. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वे अन्य नेताओं और पंजाब के विधायकों के साथ भी इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे. उधर, बैठक में तय किया गया है कि पार्टी पूरी दिल्ली और देश में जनमत संग्रह कराएगी कि मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए या फिर जेल से ही सरकार चलानी चाहिए.
आप विधायक दुर्गेश पाठक के अनुसार, केंद्र सरकार चाहती है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जेल भेजा जाए, जिसके बाद वो पद से इस्तीफा देंगे तो पूरी पार्टी खत्म हो जाएगी. पार्टी का हर छोटा बड़ा कार्यकर्ता चाहता है कि वो पद से इस्तीफा न दें, जेल जाने की स्थिति में वो वहीं से कामकाज को देखें.
आपराधिक मामले में गिरफ्तार होने/ जेल जाने पर क्या मंत्री या मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना अनिवार्य है? इस बारे में ‘हिन्दुस्तान’ ने दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एपी शाह से बात की. उन्होंने कहा कि कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि गिरफ्तार होने के बाद यदि मंत्री जेल जाते हैं तो वह अयोग्य हो जाएंगे.
जस्टिस शाह ने कहा कि इस मसले पर कानून की स्थिति स्पष्ट नहीं है. ऐसे में जब तक पार्टी नहीं हटा देती है या सदन में बहुमत है, तो इस्तीफा देने के लिए नहीं कहा जा सकता.
उधर, वरिष्ठ अधिवक्ता व संविधान विशेषज्ञ राकेश द्विवेदी ने कहा कि संविधान में हर बात नहीं लिखी जाती है कि कब और किन परिस्थितियों में मंत्री/मुख्यमंत्री को क्या करना चाहिए. यदि कोई मंत्री या मुख्यमंत्री जेल जाते हैं तो उन्हें इस्तीफा देना चाहिए या नहीं, कानून के साथ-साथ नैतिकता का विषय है.
दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन जेल जाने के बाद उन्हें मंत्री पद से हटाने के मामले में फैसला देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी कहा था कि किसी मंत्री को जेल जाने के बाद उन्हें पद से हटाने के लिए आदेश नहीं दिया जा सकता है. न्यायालय ने कहा था कि यह मुख्यमंत्री को तय करना है कि मंत्रिमंडल में किसे रखना है और किसे नहीं. हालांकि न्यायालय ने कहा था कि यह नैतिकता का सवाल है.
हमारा मकसद है जनता के काम न रुकें कक्कड़
आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ का कहना है कि हमारी सरकार का मकसद जनता के काम करना है. इसलिए मुख्यमंत्री केजरीवाल को अगर जेल भी भेजा जाता है तो वे वहीं से सरकार चलाएंगे. संविधान में कहीं पर कोई ऐसा प्रावधान नहीं है कि मुख्यमंत्री जेल से कामकाज नहीं देख सकते.
सहानुभूति के लिए स्टंट कर रहे सचदेवा
दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा का कहना है कि आप सिर्फ सहानुभूति हासिल करने के लिए ड्रामा कर रही है. अभी तक किसी ने नहीं कहा कि सीएम को जेल भेजा जाएगा. अगर मुख्यमंत्री निष्पक्ष हैं तो उन्हें जांच एजेंसी के समक्ष अपनी बात रखनी चाहिए थी लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.